विवेकानंद केंद्र के संस्थापक मा. एकनाथजी रानडे इनका १०० वा जन्म दिवस १९ नवम्बर २०१४ से चल रहा है, इस पर्व को केंद्र मा. एकनाथजी जन्म शती पर्व के नाम से मना रहा है। अतः इस अवसर पर विवेकानंद केंद्र राजेंद्र नगर विस्तार में परिपोषक सम्मलेन का आयोजन किया गया। सम्मलेन में मुख्य रूप से विवेकानंद केंद्र के माननिय प्रान्त प्रमुख श्री भवरसिंह राजपूत व माननिय प्रान्त संचालक श्री मनोहर देव उपस्थित थे। श्री राजपूत जी ने मुख्य उद्बोधन में परिपोषक योजना की संकल्पना को स्पष्ट करते हुए बताया की भारत यह राष्ट्र के रूप में खड़ा होना है अतः उसके लिए मा.
As a part of Birth Centenary Celebrations of MEJSP, Vivekananda Kendra Tinsukia organized a special session of Vimarsh in collaboration with woman college, Tinsukia . Date 13/10/2015 at 5.30 pm to 7.00 PM
Venue : Woman College , Tinsukia
Vimarsha on ‘Dharma – The Soul of India’ was organised in three Nagars –Nellore [25 September 2015] as well as Srikakulam and Rajamahendravaram on 17 and 18 Oct 2015 respectively. The Key Speaker - on both the occasions was Sri Sowmithri Lakshmanachary, Co-convenor, Swadeshi Jagaran Manch, Telangana Praant and Member, MEJSP, Vivekananda Kendra - Telugu Praant. He spoke about various aspects about Dharma and how Swami Vivekananda’s life and teachings influenced generations of people and impacted the destiny of India.
Personality Development Camp was organized at Kaushalam, Hyderabad from 16-18 October 2015 for an age group of 16-40 students and working people. Total 35 participants, including 14 sisters, from Colleges, Hostels, Spoken English and Yoga classes benefited from this three day residential event. Establishing Swami Vivekananda as the Hero to look up to for inspiration and guidance, the participants were taught the ingredients of a good personality and the means to discover and develop them within one self.
विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा औरंगाबाद द्वारा शहर के अनेक भागो मे योग सत्रो का आयोजन किया जा रहा है । आज दिनांक 17 ऑक्टोवर को महाजन कॉलोनी के योग सत्र का समापन हुआ। कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता के रूप मे विवेकानंद केंद्र औरंगाबाद के जिला संपर्क प्रमुख आ.अरुण जोशी जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। योग की संकल्पना व् सातत्य इस विषय पर छोटे छोटे उद्धरणों से सभी शिवरार्थियो का मार्गदर्शन किया । इस योग सत्र को आगे नियमित योग वर्ग मे रूपांतरित करने की योजना तैयार की गई है।