कश्मीर की सुरम्य वादियों में योग की गूंज सुनाई दी, जब विवेकानंद केंद्र, कन्याकुमारी के तत्वावधान में 25 जून से 4 जुलाई 2024 तक श्री रामकृष्ण महासम्मेलन आश्रम, नागदंडी, कश्मीर में एक विशेष योग शिक्षा शिविर का आयोजन किया गया। इस दस दिवसीय शिविर में देश के विभिन्न राज्यों से 46 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिसमें महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर शामिल हैं।
योग की समग्र शिक्षा: शिविर का उद्देश्य प्रतिभागियों को योग के विभिन्न आयामों से परिचित कराना था। शिविरार्थियों को छह समूहों में विभाजित किया गया, जिनके नाम अनंतनाग, शेषनाग, कर्कोटनाग, कोकरनाग, वेरीनाग और दुर्गानाग रखे गए। शिविर के दौरान प्रतिभागियों ने प्रातः स्मरण, योगाभ्यास, प्राणायाम, श्रमसंस्कार, बौद्धिक कक्षा, मंथन, गीत अभ्यास और प्रेरणा से पुनरुत्थान जैसे सत्रों में भाग लिया।
योग का अभ्यास और सैद्धांतिक ज्ञान: योग के प्रात्यक्षिक सत्रों में शिविरार्थियों को शिथिलीकरण व्यायाम, सूर्यनमस्कार और विभिन्न आसनों का अभ्यास कराया गया। प्राणायाम के सत्रों में प्राणायाम के एक व्यवस्थित क्रम में प्रशिक्षित किया गया। बौद्धिक सत्रों में योग की संकल्पना, राजयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग, कर्मयोग, भगवद गीता, साधना और भारतीय संस्कृति जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
कश्मीर की संस्कृति और विवेकानंद का दर्शन: शिविरार्थियों को कश्मीर की संस्कृति और स्वामी विवेकानंद के दर्शन से भी परिचित कराया गया। कश्मीर परिचय, स्वामी विवेकानंद एवं कथा शिला स्मारक जैसे विषयों पर सत्र आयोजित किए गए।
गीत, भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम: शिविर के दौरान शांति मंत्र, ऐक्य मंत्र, प्रातः स्मरण प्रार्थना, भगवद गीता के श्लोक और शिविर गीत जैसे विभिन्न पाठों का अभ्यास किया गया। दैनिक भजन संध्या और सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने शिविर के वातावरण को भक्तिमय और उत्साहपूर्ण बनाए रखा।
कश्मीर दर्शन और समापन: 1 जुलाई को शिविरार्थियों ने कश्मीर के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण किया, जिसमें दकसुम, वेरीनाग, वितस्ता उद्गम स्थल, कोकरनाग गार्डन और मार्तंड मंदिर शामिल थे। शिविर का समापन एक अनुकूल और आध्यात्मिक वातावरण में हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने विवेकानंद केंद्र की गतिविधियों में समाज सेवा के लिए अपनी ऊर्जा समर्पित करने की इच्छा व्यक्त की।