राष्ट्रकार्य करनेवालों के लिए स्वार्थ और मोह का त्याग अनिवार्य है : सरसंघचालक
एकनाथजी के जीवन से राष्ट्रकार्य की लें प्रेरणा : डॉ. भागवत
नागपुर। नागपुर के वर्धमान नगर स्थित पूनम मॉल INOX थियेटर में 20 नवम्बर को शाम 7 बजे "एकनाथजी - एक जीवन एक ध्येय" बायोपिक फिल्म प्रदशित हुई। विवेकानन्द शिलास्मारक के निर्माता तथा विवेकानन्द केन्द्र के संस्थापक श्री एकनाथजी रानडे के जीवन पर आधारित इस फिल्म के प्रदर्शन समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक पूजनीय डॉ. मोहनजी भागवत, सरकार्यवाह मा. भैयाजी जोशी तथा विवेकानन्द केन्द्र के महासचिव मा. भानुदास धाक्रसजी प्रमुखता से उपस्थित थे। इस दौरान सरसंघचालक डॉ. भागवत ने अपने संक्षिप्त भाषण में कहा कि एकनाथजी के जीवन तथा कार्य के विषय में आप इस फिल्म को देखकर जानेंगे ही, फिर भी इस अवसर पर मुझे कुछ कहने के लिए कहा गया है। एकनाथजी के जीवन का सार क्या है तो एक वाक्य में कहा जा सकता है – “एक जीवन एक ध्येय”। राष्ट्रोत्थान का उदात्त ध्येय के लिए अपने जीवन का प्रतिपल उत्सर्ग करना यही उनके जीवन का सन्देश है। राष्ट्र कार्य करनेवालों को एकनाथजी के जीवन से हर बात सिखने जैसा है। इस दौरान सरसंघचालकजी ने फिल्म के निर्देशक श्री सुदर्शनजी तथा एकनाथजी की भूमिका निभाने वाले श्री अजय रोहिलाजी का सत्कार किया।
सरसंघचालक ने आगे कहा कि स्वार्थ और मोह का त्याग करना राष्ट्र कार्य करनेवाले कार्यकर्ता के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि डॉ.हेडगेवार ने जिस तरह संघ का बीजारोपण किया, उसी तरह एकनाथजी ने विवेकानन्द केन्द्र का बीजारोपण किया। संघ और केन्द्र का कार्य राष्ट्र उत्थान का का कार्य है।
इस दौरान आरएसएस के सहसरकार्यवाह सर्वश्री सुरेश सोनीजी, दत्तात्रय होसबलेजी, डॉ.कृष्ण गोपालजी तथा भगैयाजी सहित विवेकानन्द केन्द्र के महाराष्ट्र प्रान्त संगठक श्री विश्वासजी लापलकर, राज्यसभा सांसद श्री अजय संचेती, पूर्व महापौर श्री अनिल सोलेजी, श्री विलास कालेजी, श्री निखिल मुंडले, श्री रविन्द्र जोशी, श्री प्रसाद महनकर, डॉ.श्री दिलीप गुप्ताजी आदि गणमान्य नागरिक भारी संख्या में उपस्थित थे।