हमारे देश में कहीं भी विविधता नहीं है अपितु एकता ही दिखाई देती है। भारतीय संकल्पना ही कर्म के माध्यम से ईश्वर को प्राप्त करने की है और यह कर्म यदि कहीं एकात्मता से किया जा सकता है तो वह विवेकानन्द केन्द्र ही है। ईश्वर प्राप्ति की दिशा में पहला कदम स्वयं को जानना है और स्वयं को जानने के उपरांत राष्टं की संकल्पना समझ में जा सकती है और उसी से हमें धर्म की सही परिभाषा का ज्ञान हो सकता है। प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में एक ध्येय होना चाहिए
विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा - भीलवाड़ा: 20 मार्च को मेवाड़ चेम्बर डवलमेन्ट ट्रस्ट एवं विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी शाखा - भीलवाड़ा की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता माननीय निवेदिता दीदी ने भीलवाड़ा शहर के प्रसिद्ध युवा उद्योगपतियों के बीच में ‘व्यावहारिक जीवन में आध्यात्मिक दृष्टिकोण’ इस विषय पर बोलते हुए बताया कि अगर जीवन में (1) समत्व यानि आत्मभाव में स्थित रहना, भावनात्मक से भी अधिक आध्यात्मिक बनना। (2) सन्तोष अर्थात् आनन्द प्राप्त करना। (3) सर्वसमावेशक अर्थात् सबको जोड़ने वाला एवं पूर्णत्व की ओर जाने वाला। (4) संयम अर्थात् फायदे के लिए देश, समाज को नुक
Holi milan program of 53 Karyakarta at Jaipur with Ma. Swami Yogananagthirthji. The program is followed by discussion on Ramayana. Varsharambha Ceremony of 50 children at Bhilvara followed by Tilak program. Special Yoga Satra (Session) for 22 doctors in Ajmer. Interview was taken of 32 Young teachers ready to join schools of Vivekananda Kendra Vidyalaya in Arunachal pradesh.
अजमेर २९ अप्रैल ! विवेकानंद केंद्र अजमेर शाखा अपने पुराने भवन जोकि श्रीनगर रोड स्थित प्रताप ऑटो मोबाइल के ऊपर स्थित था अब अपने नए भवन शिव मंदिर के पास, नई बस्ती भजन गंज में स्थानांतरित हो गया है.
उक्त नवीन भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का शुभारम्भ प्रातः काल कलश यात्रा के साथ हुआ जिसमे प्रान्त संघटक रचना एवं श्री गायत्री महिला मंडल भजन गंज अजमेर की श्रीमती सुधा डोगरा के नेत्रत्व में ३१ महिलाओ की कलश यात्रा निकाली गई