जीरापुर। गुलामी की जंजीरों से जकड़े भारत के युवाओं को स्व संस्कृति के प्रति प्रेरित करने का कार्य विवेकानन्द जी ने किया..११सितम्बर १८६३ को अमेरिका के विश्व धर्म सम्मेलन में जाकर अपनी संस्कृति के वैभव को विश्व पटल पर प्रस्थापित किया। विजय के दिवस ने भारत के युवाओं के मन में विश्वास जाग्रत किया। कलकत्ता के दिवान विश्वनाथ दत्त व भुवनेश्वरी के लाल ने अपनी जिग्यासा प्रवृति ने नरेन्द्र ने विवेकानन्द बना दिया। जिसने परतंत्रता व दासता की मानसिकता से भारतीय मानस को मुक्त कर दिया।