ग्वालियर। यदि हम अच्छा समाज चाहते तो हमें कुछ समय निःश्वार्थ से समाज निर्माण कार्यो में देना होगा। भले ही हमारा स्वाभाव अलग हो किन्तु ईश्वरीय कार्य करने के लिए अपने स्वाभाव में परिवर्तन करना ही होगा। जिस प्रकार विवेकानन्द की अनन्य भक्त भगिनि निवेदिता ने अपने व्यक्तित्व में परिवर्तन कर भारत भक्ति की अनूठी मिसाल पेश की। हम जो भी समय समाज कार्य में दें पूरी श्रद्धाभाव से दें।