विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी, बिहार-झारखण्ड प्रान्त, पटना विभाग द्वारा आयोजित 'युवा नेतृत्व विकास शिविर' का सफल समापन हुआ। 25 मई से 30 मई तक आयोजित इस पांच दिवसीय आवासीय शिविर में पटना और गया जिलों के महाविद्यालयीन प्रतियोगिता और कार्यशाला से चुने गए 36 युवाओं ने भाग लिया। शिविर का आयोजन शिवम कॉन्वेंट, बाईपास रोड में किया गया था।
शिविर का शुभारंभ 25 मई (रविवार) को श्रद्धेय भावत्मानंद जी महाराज (रामकृष्ण मिशन सेवाश्रम, मुजफ्फरपुर) के आशीर्वाद से हुआ। उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में अमरेशजी विक्रमादित्य (महासचिव, SBI अधिकारी एसोसिएशन), डॉ. विजयजी करण (डीन, नालंदा विद्यालय), श्रीरामचंद्रजी आर्य (क्षेत्रीय वैदिक गणित संयोजक, विद्या भारती), डॉ. रंजीत कुमार वर्मा जी (पूर्व कुलपति, मुंगेर विश्वविद्यालय) और मा. विश्वासजी लापलकर (बंगाल प्रांत संगठक, VK) उपस्थित रहे।
शिविर में योग, गीता अभ्यास, बौद्धिक चर्चा, खेलकूद, कहानी और राष्ट्रभक्ति गीत जैसी अनेक प्रेरणादायी गतिविधियों का आयोजन किया गया। युवाओं को भारतीय संस्कृति, राष्ट्रभक्त सन्यासी स्वामी विवेकानंद, राष्ट्र के समक्ष व्याप्त चुनौतियों, भारतीय इतिहास के विकृतिकरण, आदर्श नेतृत्वकर्ता के गुणों और विकास जैसे विषयों पर व्याख्यान भी दिया गया।
इस शिविर का मुख्य उद्देश्य युवाओं को प्रेरित कर उन्हें देशभक्ति और अनुशासन का मार्ग दिखाना था ताकि वे स्वामी विवेकानंद के कार्यों को आगे बढ़ा सकें। शिविर के सफल आयोजन में 14 कार्यकर्ताओं के चमू और नगर समिति सदस्यों, कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
शिविर के समापन पर प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह उनके जीवन का सबसे प्रेरणादायक अनुभव रहा। उन्होंने कहा कि शिविर में उन्हें जो सीखने का अवसर मिला, वह उनके जीवन को निश्चित रूप से सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगा।
विवेकानंद केंद्र द्वारा आयोजित इस तरह के शिविर युवाओं को सशक्त बनाने और उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान करने के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।