विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी, बिहार एवं झारखंड प्रांत द्वारा रविवार, 27 जून 2021 को संध्या 4:30 से 6:00 बजे "अमृत परिवार : समृद्ध भारत का आधार" विषय पर ऑनलाइन Youtube पर विमर्श का आयोजन हुआ । वर्तमान परस्थिति को देखते हुए विवेकानन्द केन्द्र ने पूरे भारत मे अमृत परिवार प्रकल्प का आयोजन होना है बिहार-झारखंड में इस विमर्श के माध्यम से अमृत परिवार प्रकल्प का शुभारंभ किया है । विमर्श कार्यक्रम में कुल 367 परिवारों ने पंजीयन किया जिसमे 200 परिवार कार्यक्रम में सहभागी हुए ।
कार्यक्रम की शुरुआत तीन ओमकार शांति पाठ से की गई उसके पश्चात् गीत, केंद्र परिचय, विवेक वाणी हुआ । विवेक वाणी के पश्चात् कार्यक्रम की मुख्य वक्ता माननीय निवेदिता रघुनाथ भिड़े ,अखिल भारतीय उपाध्यक्ष ,विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी का "अमृत परिवा"र पर उद्बोधन हुआ । उन्होंने कहा -
- भारत राष्ट्र में हजारों वर्षों से अनेकों आक्रमण हुए, फिर भी ,इन आक्रमणों के बावजूद भी सनातन धर्म नष्ट नहीं हुआ। भारत ने अपने संस्कार और पहचान को नहीं खोया और भारत का तत्वज्ञान भी नष्ट नहीं हुआ । वह म्यूजियम का विषय नहीं बना l सनातन धर्म अमृत तत्व का विषय है ,यह अनुभूति का मार्ग दिखाता है।
- भगवत गीता में भी भगवान श्री कृष्ण ने सनातन धर्म को अमृत धर्म बताया है।
- फिर उन्होंने कहा परिवार में दादा _दादी ,माता _पिता बच्चों के भविष्य के लिए सारा जीवन लगा देते हैं कि हमारे बच्चों का भविष्य अच्छा होना चाहिए ,सुख _सुविधा युक्त होना चाहिए। ऐसा करके क्या बच्चों को हम सही दिशा दे पाते हैं ,शायद नहीं l आज बच्चों के ऊपर अनेक प्रकार के वैज्ञानिक आक्रमण हो रहे हैं । हम सोचते हैं बच्चे हमारे परंपरा को आगे लेकर जाएंगे लेकिन होता क्या है बच्चे बाहर जाते हैं और ड्रग्स एवं अन्य व्यसनों के शिकार हो जाते हैं जिससे वे धर्म से कटने वाले दुराग्रही बन जाते हैं तथा अपने परंपरा से कटने लगते हैं।
- उन्होंने कहा इन सभी चीजों से बच्चों को लैमिनेट करना होगा ताकि विपरीत परिस्थितियों में भी उस पर किसी भी प्रकार का कोई दुषप्रभाव ना पड़े।
कार्यक्रम के अंत में प्रश्नों उत्तरी ,आगामी सुचना तद पश्चात् शांतिमंत्र से कार्यक्रम का समापन हुआ । सुसंगठित परिवार से राष्ट्र समृद्ध की संकल्पना को साकार करने के लिए विवेकानंद केन्द्र ने अमृत परिवार प्रकल्प का शुभ्रम्भ किया है यह कार्यक्रम इस प्रकल्प का शुभ्रम्भ है। आए हम केन्द्र के गतिविधियों में भाग लेते हुए अपने परिवार, समाज, राष्ट्र एवं विश्व को समृद्ध बनाएं।