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Sense impression March 2012 - the creativity of the new century ... Wake up India. Wake the Worldविवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमरी शाखा इन्दौर कि और से व्याख्यान   रचनात्मकता द्वारा नई शताब्दी की ओर... भारत जागो। विश्व जगाओ।।  व्याख्यान २८ मार्च २०१२ को इन्दौर मे रखा गया ।  मुख्य वक्ता मा. श्री मुकुलजी ने स्वामी विवेकानन्द के जीवन कि घटनाओं को रखते हुए बताया कि भारत जागो याने भारत को समर्थ बनाना होंगा, भारत सभी {¨त्र मे मार्गदर्शन करे और इसिलिये स्वामी विवेकानन्द का सार्ध शती समारोह वर्ष (१५० वी जयंती) हमारे लिये अवसर है. मुकुलजी ने यह भी बताया कि आज विश्व जिस द्रुष्टी से भारत को  देख रहा है उसे भारत को समझना होंगा, पश्चिम का प्रारंभ यह भौतिक्तासे हुआ और आज उसका अंत यह आध्यत्मिक्ता से होंगा, विश्व तो जगा है हमे अभी स्वयं को जगाना है, भारत मे सबसे अधिक वर्ग मध्यम वर्गी है और वह सांस्क्रुतिक रक्षा करता है,। उन्होंने यहभी बतायाकी भारत ने हमेशा युनिटी  कि बात कि है न कि युनिफ़ोर्मीटी, स्वामीजी के लाहोर  के व्यख्यान का उल्लेख करते हुये मुकुलजी ने बताया कि किस तरह स्वामीजी ने सभी पथों के लोगों को संघटीत किया और उसी विचार को लेकर विवेकानन्द सार्ध शती समारोह वर्ष को मनया जायेगा अर्थात बिखरी हुई आध्यात्मिक शक्ति को एकत्रित करना होगा।
Renu Literary Culture Exhibition reception Ajmerअजमेर में लोगों संस्कृति रेणु के प्रति भारी उत्साह, ३००० से अधिक लोगों ने दो दिनों में साहित्य प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

ईश्वर को प्राप्त करने के लिए संसार में अनेकानेक मार्ग हैं किंतु वेदान्त में ईश्वर कहता है कि कोई भी किसी भी मार्ग से मुझे भजे उसमें ही वह विलीन हो जाता है। स्वामी विवेकानन्द अपने समय से पूर्व के न केवल भारत अपितु सारे विश्व के समस्त दार्शनिकों, संतों, विचारकों की आभा जो समस्त मानवजाति का कल्याण करने के लिए कार्यरत है, को प्रकट करने वाले दिव्य रत्न हैं। रंग, लिंग, जाति, वर्ण, भाषा, भूषा तथा प्रान्त की बात नहीं, इन सभी से उपर उठकर प्रत्येक मनुष्य के भीतर परमात्मा के अंश का प्रकटीकरण का प्रयास करने वाला कोई दूसरा रत्नशिरोमणि विवेकानन्द के अलावा इस संसार में दूसरा कोई नहीं है।

Shri Dipak Chakravarty, MD, NRL inaugurating the NRL Conference Hall at the VKICआई.बी. के पूर्व प्रमुख तथा विवेकानन्द इंटरनेशनल फाउण्डेशन के निदेशक श्री अजीत ङोवाल ने कहा है कि आज आंतरिक सुरक्षा देश के लिये प्रमुख समस्या बन गई है पर उससे निपटने के लिए हमारी जैसी तैयारियां होनी चाहिए उसका अभाव है उन्होने कहा कि सांस्कृतिक एवं एतिहासिक जड़ों पर कुठाराघात करके न तो देश को सुरक्षित किया जा सकता है और न ही सबल राष्ट्र की संकल्पना की जा सकती है ।

'Harmony' Vol.II, The Annual Magazine of VKV Ziro was released on 15th March 2012 by Smty Nila Mohanan, Deputy Commissioner, Lower Subansiri District. She appreciated VKVs for selfless work. In her address she said lot of officers of Arunachal Pradesh either from VKV, RKM or Sharda Mission. No one can forget the contribution of these Institutions. They are playing pivotal role in the field of education. She appealed to students to be become good citizens of our Motherland. She stressed that students should inculcate good habits and character. At the time of releasing Sri Yachang Tacho, Editor , "The Subansiri" newspaper was also present.

Can a Caterpillar become a Zen master? What is 'inscape'? Can meditating over the ecology of the mind create a paradigm shift which can save the ecology of the planet? In this newsletter we present an excerpt from an interview of James Thornton, author and an eco-activist turned ecopsychologist. Read it in our newsletter. At VK-nardep we try to bring you various perspectives on saving the planet from across the cultures of our earth. We believe these varied tones and tunes sing the same song of love and affection to Mother Earth and help us explore and innovate our own ways of serving the planet and her countless communities of humans and non-human beings who share her womb.

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