- देशभर में शोभायात्रा
- विदेशों में भी उपक्रम
- 4 करोड़ घरों में सम्पर्क का महाभियान
- 150 पुस्तकों का प्रकाशन
- 3 हजार गांवों में सामूहिक सूर्यनमस्कार
- देशभर में भारत जागो दौड़
महाराष्ट्र समिति के अध्यक्ष श्री शिवशंकरभाऊ पाटिल का पत्रपरिषद में प्रतिपादन ।
शेगांव । स्वामी विवेकानन्दजी की 150 वीं जयंती आगामी 12 जनवरी, 2013 से 12 जनवरी, 2014 तक वर्षभर स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति के माध्यम से मनाया जाएगा । स्वामीजी शक्तिदायी संदेशों को इस निमित्त अधिकाधिक लोगों तक पहुंचाने का बड़ा लक्ष्य समिति ने रखा है ।
‘भारत जागो - विश्व जगाओ' इस संकल्पना पर आधारित अनेक कार्यक्रम तथा उपक्रमों का वर्षभर आयोजन किया जाएगा ।
स्वामी विवेकानन्दजी की यह जयंती केवल भारत के साथ ही विश्वभर मनाया जा रहा है । इसी पाश्र्वभूमि पर स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति की स्थापना की अधिकृत घोषणा करते हुए हमें आनंद हो रहा है । देश के सभी राज्यों में इस समिति के अंतर्गत प्रान्त समितियों का गठन किया गया है । सामाजिक कार्यकर्ता, विचारक, आध्यात्मिक गुरु, स्वामी विवेकानन्द के विचारों को प्रसारित करनेवाले तथा देश के अनेक संस्था एवं समिति में सम्मिलित हो रहे हैं ।
वंदनीय माता अमृतानन्दमयी ने इस समिति के अध्यक्ष के रूप में अपनी सहमति देकर इस पद को विभूषित किया है । साथ ही भूतपूर्व संसद सचिव डॉ. सुभाष कश्यप इस समिति के कार्यकारी अध्यक्ष रहेंगे ।
स्वामीजी की यह 150वीं जयंती स्वयं की शक्ति को पहचानकर अपने दायित्व के प्रति जागृत होकर संसार को तेजोमय बनाने का स्वर्णिम अवसर लेकर आ रहा है, ऐसा हम समझते हैं । सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से समाज के सभी अंगों के सहभाग को सुनिश्चित करने के लिए देशभर में विविध कार्यक्रमों पंचमुखी कार्यक्रमों की योजना बनाई है । वे इस प्रकार हैं-
आयाम :
1. युवा शक्ति आयाम - युवाओं के लिए आयाम विशाल युवा शक्ति (मुख्यत: 40 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थी एवं अविद्यार्थी युवाओं पर केंद्रित) को जाग्रत कर सही दिशा देने के लिए सेवा, स्वाध्याय, सुरक्षा और स्वावलंबन । इस दिशा में युवा शक्ति को जागृत करनेवाले युवा सम्मेलन तथा युवा केन्द्रीत कार्यक्रमों का आयोजन
2. संवर्धिनी आयाम - महिलाओं के लिए आयाम राष्ट्रीय जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए स्त्री क्षमता के संवर्धन और सम्मान के लिए शक्ति, संस्कार, स्वाध्याय और सेवा ।
3. ग्रामायण आयाम - ग्रामीणों के लिए आयाम देश के विकास में ग्रामीणों के योगदान का सम्मान और उनके सम्पूर्ण विकास में सहयोग करने के लिए विकास, समरसता, सत्संग और सेवा ।
4. अस्मिता आयाम - जनजाति वर्ग (पर्वतीय एवं वनवासी क्षेत्र के लोगों के लिए आयाम) भारत की सभी जनजातियों की लोक आस्था और संस्कृति के सम्मान, संरक्षण, संवर्धन, उन्नति और अनुपालन के लिए सेवा, संस्कार, समरसता और सजगता ।
5. प्रबुद्ध भारत आयाम - सामाजिक एवं वैचारिक प्रबुद्ध वर्ग के लिए आयाम । राष्ट्र निर्माण में संभ्रान्त और विद्वतजनों की संयुक्त एवं नियोजित भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सामर्थ्य, संकल्प, शुचिता और विश्वास ।
इन सभी आयामों की दृष्टि से विविध व्याख्यान, परिसंवाद, सेमिनार आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा ।
बृहद् कार्यक्रम
1) 12 जनवरी, 2013 स्वामी विवेकानन्द जयन्ती के अवसर पर समिति द्वारा देश के सभी प्रमुख शहरों तथा गांवों में भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी ।
2) 18 फरवरी, 2013 को देशभर विद्यालयीन तथा महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं द्वारा सामूहिक सूर्यनमस्कार किया जाएगा । इस आयोजन में 3000 से अधिक ग्राम सम्मिलित होंगे । महाराष्ट्र के 500 से अधिक स्थानों पर सामूहिक सूर्यनमस्कार सम्पन्न होंगे ।
3) 11 सितम्बर, 2013 को स्वामी विवेकानन्दजी के शिकागो में दिए गए विश्व धर्म सम्मेलन में भाषण की स्मृति में भारत के युवाओं द्वारा ‘भारत जागो दौड़' का बृहद कार्यक्रम देशभर सम्पन्न होगा ।
साहित्यसेवा द्वारा प्रसार
स्वामीजी के प्रेरक जीवनी तथा विचारों पर आधारित 150 साहित्यों का प्रकाशन कर न्युनतम दर में उपलब्ध कराके जन सामान्य तथा बुद्धिजीवियों तक इसे समिति द्वारा पहुंचाया जाएगा ।
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विदेशों में भी विवेकानन्द
11 सितम्बर, 2013 को स्वामीजी के ऐतिहासिक व्याख्यान का स्थान ‘शिकागो' में शोभायात्रा का आयोजन किया जा रहा है । संसार के 30 से 35 देशों में ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है ।
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इन सभी प्रकार के उपक्रमों तथा कार्यक्रमों का आयोजन महाराष्ट्र में बहुत ही भव्यता से किया जाएगा । महाराष्ट्र प्रान्त समिति के अध्यक्ष श्री शिवशंकरभाऊ पाटिल तथा प्रान्त समिति के सचिव श्री सुधीर जोगलेकर ने इस महान अवसर पर देशवासियों को भारी संख्या में गहन आत्मियता से स्वामीजी के सार्ध शती में सहभागी होने का आह्वान किया है । उसी प्रकार उन्होंने मीडिया को स्वामी विवेकानन्दजी के संदेशों को वर्षभर अपने समाचार पत्र-पत्रिकाओं तथा चैनलों के माध्यम से जनमानस तक पहुंचाने का आह्वान किया है ।
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