विवेकानन्द केन्द्र पटना विभाग की ओर से 4 स्थानों पर 'विश्व बंधुत्व दिवस' उत्सव का आयोजन किया गया। दिनांक 10 सितंबर 2023 विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी, शाखा- जहानाबाद के तहत स्वामी सहजानंद पुस्तकालय - सह -वाचनालय के संयुक्त तत्वावधान में "विश्व बंधुत्व दिवस" का आयोजन पुस्तकालय कक्ष में किया गया। इसकी अध्यक्षता श्री मनोज कुमार 'कमल' कवि एवं मगही पुरोधा ने किया। मंचस्थ जनों में एस एन सिन्हा कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. उमाशंकर सिंह 'सुमन' एवम् साहित्यकार श्री सत्येंद्र कुमार पाठक तथा शाखा संयोजक डॉ. रविशंकर शर्मा ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ शिक्षक श्री अरुण कुमार द्वारा शांति मंत्र एवं विवेक वाणी से हुआ। उन्होंने राष्ट्रीय उपाध्यक्षा मा. निवेदिता भिड़े जी के पत्र का भी पाठ किया। तत्पश्चात डॉ. अनिल कुमार ने स्वरचित 'विवेकानंद वंदना' के साथ विषय प्रवेश में स्वामी जी के व्यापक व्यक्तित्व एवं दर्शन पर सघन प्रकाश डाला। वक्ताओं में श्री राजकिशोर प्रसाद, श्री कृष्ण मुरारी, डॉ. रमेश कुमार, डॉ. वशिष्ठ नारायण सिंह, श्री रवि शेखर एवं मंचस्थ महानुभावों ने विश्व बंधुत्व दिवस पर अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति दी। कवि श्री चितरंजन चैनपुरा ने सुंदर ढंग से मंच संचालन किया। शान्ति पाठ से कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम में विद्यार्थियों सहित 35- 40 लोग उपस्थित हुए।
11 सितंबर 2023 (सोमवार) को विश्व बंधुत्व दिवस के अवसर पर अपराह्न 5:00 बजे बिहार इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन (BIA) सिन्हा लाइब्रेरी रोड के सभागार में विवेकानंद केंद्र, पटना के तत्वावधान में विमर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में महामहिम राज्यपाल, बिहार श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने वर्तमान काल में विश्व बंधुत्व की प्रासंगिकता की चर्चा करते हुए कहा कि यहां की संस्कृति के जड़ में हिंदुत्व है तथा वसुधैव कुटुंबकम यानी संपूर्ण विश्व को अपने परिवार के रूप में मनाने की हमारी परंपरा रही है। उन्होंने स्वामी विवेकानंद की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे विरले व्यक्तित्व धरती पर कभी-कभी ही अवतरित होते हैं। उन्हें अपने हिंदू होने का गर्व था और उन्होंने भारतीय धर्म संस्कृति को संपूर्ण विश्व में बहुत ही ऊँचा स्थान दिलाया। श्री आर्लेकर ने कहा कि श्री रामकृष्ण देव की सम्पूर्ण आध्यात्मिक साधना मूर्तिपूजा से आरम्भ होती है। उन्होंने अपनी साधना से दिखा दिया कि हिन्दू मूर्तियों की पूजा नहीं करते बल्कि भगवान की पूजा करते हैं और मूर्तियों के माध्यम से भगवान को प्राप्त कर लेते हैं जैसा कि अन्य धर्म किसी न किसी प्रतीकों के माध्यम से करते हैं। इस प्रकार अपनी सभी साधनाओं में उन्होंने सर्वत्र केवल भगवान को ही देखा और सर्वोच्च अनुभूति के बाद भी मूर्तिपूजा करते रहे। प्रारम्भ में भगवान की मूर्तियों के रूप में पूजा करना यह भक्त की आवश्यकता होती है तथा ज्ञानी के लिए अनुभूति। क्योंकि जब सत्य का साक्षात्कार होता है तो व्यक्ति सभी वस्तुओं में भगवान को देखता है। उन्होंने विवेकानंद केंद्र के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम के लिए आयोजकों के प्रति आभार प्रकट किया।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने विशिष्ट अतिथि रूप में संबोधन करते हुए कहा कि स्वामी जी ने शांति, भातृत्व एवं वैश्विक स्वीकार्यता पर जोर दिया। सचमुच आज जलवायु परिवर्तन, असमानता, निर्धनता, आपसी वैमनस्य की जो चुनौतियां संपूर्ण विश्व में है, उसे सामूहिक प्रयास से दूर करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि स्वामी जी के करुणा एवं सहनशीलता के बताए मार्गों पर चलकर हम सब एक बेहतर विश्व का निर्माण कर सकते हैं।
केंद्र के नगर संचालक श्रीमती शिखा सिंह परमार द्वारा केंद्र परिचय कराया गया तथा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर गीत एवं शांति पाठ का भी आयोजन किया गया। नगर सह संचालक श्री अखौरी अशोक कुमार जी ने धन्यवाद ज्ञापन एवं प्रान्त प्रमुख श्री सुधीर कुमार अम्बष्ठ जी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
यह कार्यक्रम परम पूज्य स्वामी विवेकानंद जी के शिकागो व्याख्यान के स्मरण उत्सव के रूप में आयोजित किया गया। इस अवसर पर पटना और आसपास के विभिन्न संगठनों-संस्थाओं के प्रमुख/ प्रतिनिधि तथा नगर के प्रबुद्ध जन के साथ 225 की बड़ी संख्या में उपस्थित थे। संचालन एवं व्यवस्था में 21 कार्यकर्ताओं की सहभागिता रही।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ रामेश्वर सिंह ने विशिष्ट अतिथि रूप में संबोधन करते हुए कहा कि स्वामी जी ने शांति, भातृत्व एवं वैश्विक स्वीकार्यता पर जोर दिया। सचमुच आज जलवायु परिवर्तन, असमानता, निर्धनता, आपसी वैमनस्य की जो चुनौतियां संपूर्ण विश्व में है, उसे सामूहिक प्रयास से दूर करने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि स्वामी जी के करुणा एवं सहनशीलता के बताए मार्गों पर चलकर हम सब एक बेहतर विश्व का निर्माण कर सकते हैं।
केंद्र के नगर संचालक श्रीमती शिखा सिंह परमार द्वारा केंद्र परिचय कराया गया तथा सभी अतिथियों का स्वागत किया गया। इस अवसर पर गीत एवं शांति पाठ का भी आयोजन किया गया। नगर सह संचालक श्री अखौरी अशोक कुमार जी ने धन्यवाद ज्ञापन एवं प्रान्त प्रमुख श्री सुधीर कुमार अम्बष्ठ जी ने कार्यक्रम का संचालन किया।
यह कार्यक्रम परम पूज्य स्वामी विवेकानंद जी के शिकागो व्याख्यान के स्मरण उत्सव के रूप में आयोजित किया गया। इस अवसर पर पटना और आसपास के विभिन्न संगठनों-संस्थाओं के प्रमुख/ प्रतिनिधि तथा नगर के प्रबुद्ध जन के साथ 225 की बड़ी संख्या में उपस्थित थे। संचालन एवं व्यवस्था में 21 कार्यकर्ताओं की सहभागिता रही।
विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा गया की ओर से विश्व बंधु दिवस के उपलक्ष में विमर्श कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसका विषय था 'वैश्विक परिदृश्य हिंदू चेतना का संचार विश्व बंधुत्व का आधार' इसके मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉ रंजीत कुमार वर्मा जी तथा मुख्य अतिथि डॉ. सत्येंद्र प्रजापति जी थे। नगर प्रमुख, बीना गुप्ता जी के द्वारा मंच संचालन से कार्यक्रम आरंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ तीन ओंकार और शांति पाठ से किया गया । दीप प्रज्ज्वलन और विशिष्ट अतिथियों को श्रीफल एवं पुस्तक देकर सम्मानित किया गया। उसके पश्चात स्वागत एवं मंचासीन अतिथियों का परिचय मीनाक्षी सेठ द्वारा किया गया दायित्ववान कार्यकर्ता सुरेश जी, राजेश जी, अनील जी, रोहित कुमार सभी लोगों का सहयोग रहा। उसके पश्चात केंद्र परिचय कार्य पद्धति प्रमुख, बिना भदानी द्वारा दिया गया। नगर संचालक शिव शंकर गुप्ता जी के द्वारा विषय प्रवेश कराया गया। शिकागो भाषण की प्रस्तुति कार्यकर्ता महेश जी द्वारा दिया गया। उस के पश्चात मुख्य अतिथि डॉक्टर सत्येंद्र प्रजापति का वक्तव्य प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात देश भक्ति गीत जिनके ओजस्वी वचनों से.... विद्योतमा दीदी के द्वारा प्रस्तुत किया गया। उसके बाद मुख्य वक्ता प्रोफेसर डॉक्टर रंजीत कुमार का उद्बोधन हुआ। पटना विभाग संचालक, डॉक्टर विजय करण जी के द्वारा धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। शांति मंत्र से कार्यक्रम का समापन हुआ और अंत में प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ। इस कार्यक्रम में 160 लोग शामिल हुए।
गया नगर की ओर से ही केन्द्र कार्यालय गया डोभी रोड में 11/9/2023 को विश्व बंधुत्व दिवस उत्सव मनाया गया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ तीन ओंकार शान्ति पाठ से किया गया दीप प्रज्वलन देश भक्ति गीत और शिकागो व्याख्यान प्रोफेसर जितेंद्र वत्स जी और प्रोफेसर शिवशंकर गुप्ता जी ने किया "वैश्विक परिदृश्य में हिन्दु चेतना का आधार" भारत ने महत्व पूर्ण भूमिका निभाई चन्द्रयान की सफलता का श्रेय सम्पूर्ण मानव सभ्यता को समर्पित करना वातावरण संरक्षण के लिए किए गए प्रयास भी इसी में शामिल है।
G-20 के सम्मेलन में एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य का सर्वमान्य स्वीकृति विश्व बंधुत्व का ही पर्याय है।
कार्यक्रम का संचालन गया संगठक श्री अशोक जी के द्वारा किया गया शान्ति मंत्र केन्द्र प्रार्थना के साथ समापन किया गया प्रसाद वितरण भी हुआ कुल उपस्थिति 24 लोगों की रही।
G-20 के सम्मेलन में एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य का सर्वमान्य स्वीकृति विश्व बंधुत्व का ही पर्याय है।
कार्यक्रम का संचालन गया संगठक श्री अशोक जी के द्वारा किया गया शान्ति मंत्र केन्द्र प्रार्थना के साथ समापन किया गया प्रसाद वितरण भी हुआ कुल उपस्थिति 24 लोगों की रही।