विवेकानंद केंद्र नगर शिमला में अयोजित"गुरुपूर्णिमा"(03/07/2023) के अवसर पर भजन संध्या का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में उत्तर प्रांत संगठक आदरणीय मानस भट्टाचार्य जी का मार्गदर्शन रहा । क्षेत्र के पार्षद श्री कल्याण जी ने सपरिवार, श्री अविनाश जी ज्वाइंट डायरेक्टर एनिमल हसबेंड्री
एवं आचार्य हेम राज चंदेल जी, संगीत विभाग, कोटशेरा कॉलेज शिमला ने सपरिवार,भाग लिया। कार्य क्रम में 25 व्यक्तियों की उपस्थिति रही । गुरु पूर्णिमा के महत्व के बारे में जानकारी दी। गुरू पूर्णिमा विवेकानंद केंद्र द्वारा मनाए जाने वाले उत्सवों में से एक प्रमुख उत्सव है। यह उत्सव विवेकानंद केंद्र द्वारा पूरे भारत वर्ष में महऋषि वेद व्यास जी के जन्म दिन पर प्रति वर्ष आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष की
पूर्णमाशी को मनाया जाता है।
महऋषि वेद व्यास जी ने कैसे हमारे ऋषियों द्वारा संचित ज्ञान का संकलन किया और उसे विभीन्न वेदों में लिखा। गुरु शिष्य परंपरा के प्रारंभ की स्थापना हुई। संचित ज्ञान को आगे प्रसारित करने की प्रथा के बारे में चर्चा की। आज के समाज में आ रही गिरावट। हमारी वेश भूषा, हमारी शिक्षा पद्धति में आ
रहे पतन एवं उसके रोकथाम के उपाय के विषय में चर्चा की।
इस सब में मात्र शक्ति का योगदान कितना आवश्यक है और कितना महत्व पूर्ण है के बारे में जानकारी दी। गुरू शिष्य परंपरा में आ रही गिरावट और उसके समाधान पर चर्चा की। अंत में सभी से अनुरोध किया कि सभी को अपने अपने घर में गुरू पूर्णिमा का आयोजन करना चाहिए। बच्चो में इसके महत्व को समझाना चाहिए। अपने भारत वर्ष की संस्कृति और विरासत की विशालता के बारे में जानकारी देनी चाहिए। हम अपने संस्कारिक मूल्यों से ना गिरे इसके विषय में बताना चाहिए।