12 जनवरी 2013 से भारत के प्रेरणापुरुष स्वामी स्वामी विवेकानंद जयंती के सार्ध शती समारोह वर्ष का प्रारंभ हो रहा है। इस समारोह के पूर्वतयारी के लिए कन्याकुमारी के विवेकान्द केंद्र मुख्यालय - विवेकानंदपुरम में भारत जागो ! विश्व जगाओ !! महाशिबिर का आयोजन हुआ।
उत्तर भारत के २२ राज्य से 676 युवक युवती सहभागी।
शिबिर दायित्ववाली चमू - 230
शिबिर कालावधी - 12 अक्तूबर से 15 अक्तूबर
आई.बी. के पूर्व प्रमुख तथा विवेकानन्द इंटरनेशनल फाउण्डेशन के निदेशक श्री अजीत ङोवाल ने कहा है कि आज आंतरिक सुरक्षा देश के लिये प्रमुख समस्या बन गई है पर उससे निपटने के लिए हमारी जैसी तैयारियां होनी चाहिए उसका अभाव है उन्होने कहा कि सांस्कृतिक एवं एतिहासिक जड़ों पर कुठाराघात करके न तो देश को सुरक्षित किया जा सकता है और न ही सबल राष्ट्र की संकल्पना की जा सकती है ।
स्वामी विवेकानन्द के साहित्य और विचारों को जन जन तक, प्रदेश के गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए संस्कृति-रेणु भारतीय संस्कृति तथा साहित्य चल प्रदर्शनी को एक पुस्तकालय का रूप भी दिया गया है। जिसमें स्वामी विवेकानन्द के साहित्य को भली भांति प्रदर्शित किया गया हैं। १८ फ़रवरी, शनिवार को गोविंददेवजी मंदिर के सत्संग भवन में विवेकानंद केन्द्र राजस्थान की ओर से आयोजित ’’संस्कृति-रेणु’’ वाहन के लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए विवेकानंद केन्द्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मा. बालकृष्णन ने कहा कि केन्द्र का उद्देष्य भारतीयों को संगठित कर उनमें आत्मिक शक्ति पैदा करना है। केन्द्र शिक्षा, ग्रामविकास, स्वास्थ्य, योग एवं सूर्य नमस्कार के माध्यम से देश की युवापीढ़ी को जागृत करने का काम कर रहा है।