विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद्मश्री से सम्मानित निवेदिता रघुनाथ भिड़े ने मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित विवेकानंद राजस्थान संदेश यात्रा के समापन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में 50 दिनों से चली आ रही इस यात्रा की आज औपचारिक समाप्ति है परंतु हमारे जीवन मे विवेकानन्द के संदेश का आरंभ है इसके माध्यम से आने वाले वर्षों में संपूर्ण राजस्थान में विवेकानंद के विचारों व भारतीय जीवन दर्शन को जन जीवन में स्थापित करने का कार्य सभी को मिलकर करना है।
भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में पद्मश्री निवेदिता ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द व दयानंद आदि महापुरुष स्वयं प्रत्यक्ष रूप से स्वतंत्रता आंदोलन में उपस्थित नही थे, परंतु इन महापुरुषों से ही क्रांतिकारियो को प्रेरणा मिलती थी। और उसमें विवेकानन्द अग्रणी थे। उन्होंने कहा कि विवेकानंद ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे जिनकी प्रेरणा से अनेक युवा स्वतंत्रता सेनानी बने, जब भी कोई क्रांतिकारी पकड़ा जाता तो उसकी एक जेब में भगवत गीता और दूसरी जेब में स्वामी विवेकानंद के विचारों से संबंधित कोई पुस्तक होती। इतना ही नहीं अंग्रेजों ने अनेक बार अपने विचारों को रामकृष्ण मिशन जैसे संगठनों नजर रखने का आदेश भी दिया।
निवेदिता ने कहा कि स्वामी जी ने अपने जीवन में प्रत्येक मनुष्य को उन्नति के मार्ग पर जाने के लिए प्रेरित किया है उपनिषदों में जिस श्रेय और प्रेय की बात लिखी गई है उसका उल्लेख करते हुए स्वामी जी ने हमेशा श्रेय अर्थात अपने जीवन को उन्नत करने का संदेश दिया है। स्वामी जी के अनुसार आत्म नियंत्रण करते हुए हमें अपने व्यक्तित्व को हमेशा विकसित विकसित करने का प्रयास करते रहना चाहिए आत्म नियंत्रण के लिए हमें यह देखना चाहिए कि हमारा दूसरों के साथ किस प्रकार का संबंध है बाह्य नियंत्रण से हम अपना आंतरिक नियंत्रण आसानी से कर सकते हैं।
निवेदिता ने कहा कि हमारा जीवन बहुत छोटा है किंतु वह बहुत जल्दी ही अपने अंत की ओर अग्रसर होता रहता है हम अपने अभिमान में समाज देश राष्ट्र मानवता की तरफ ध्यान नहीं देते हैं ऐसे में स्वामी जी का एक विचार बहुत महत्वपूर्ण बन जाता है कि के जीवित वही हैं जो दूसरों के लिए जीते हैं बाकी तो चलते फिरते शव हैं ऐसे में हमें यह सोचना चाहिए कि क्या हम अपने जीवन का थोड़ा समय समाज राज्य राष्ट्र और मानवता के लिए दे रहे हैं या नहीं यदि हम इस प्रकार का राष्ट्र कार्य कर रहे हैं तभी हम वास्तविक जीवन जी रहे हैं अन्यथा हम मुर्दे के समान है।
निवेदिता ने कहा कि बहुत सारे लोग अपने जीवन में निरंतर रात दिन कर्म में लगे रहते हैं और बाद में सोचते हैं कि अब थोड़े समय हमें पूजा कर लेनी चाहिए किंतु स्वामी जी ने जिस कर्म योग का संदेश दिया उसके अनुसार कर्म ही पूजा है इस भाव से यदि हम कार्य करते हैं तो हम वास्तव में कर्मयोगी हैं।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान टैक्सटाइल मिल एसोसिएशन भीलवाड़ा के चेयरमैन डॉ एस,एन, मोदानी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शिक्षा को सही अर्थों में लोगों के सामने रखा है प्रत्येक व्यक्ति में ज्ञान उपलब्ध है आवश्यकता है उसे अभिव्यक्त करने की यदि हम अपने आंतरिक चिंतन को सुदृढ़ करेंगे तो विश्व का कोई भी ज्ञान ऐसा नहीं है जिसे हम प्राप्त नहीं कर पाए । न्यूटन का उदाहरण देते हुए उन्हें कहा कि जिस प्रकार से न्यूटन के सिर पर सेव गिरी उस प्रकार अनेक लोगों पर के गिरने पर गिरी थी लेकिन क्योंकि न्यूटन ने आत्म चिंतन किया तो उन्होंने गुरुत्वाकर्षण की खोज की । अतः आज के युवाओं को आत्म चिंतन की आवश्यकता है ना कि बाहरी भागदौड़ की।
विवेकानंद संदेश यात्रा के संचालक अशोक खंडेलवाल ने 50 दिन की यात्रा का संपूर्ण वृतांत प्रस्तुत किया तथा अध्यक्षता करते हुए राजस्थान के प्रांत प्रमुख भगवान सिंह ने इस यात्रा को चिरस्थाई रखने और आगामी वर्षों में सभी जिलों में केंद्र की शाखाओं को स्थापित करने का मार्गदर्शन कार्यकर्ताओं के सामने रखा।
जिला आयोजन समिति के संयोजक अशोक माथुर ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुएभारत विकास परिषद के जगदीश प्रसाद शर्मा , रामकृष्ण सेवाश्रम के प्रोफ़ेसर ओपीएन कल्ला, एनसीसी के कर्नल बलबीर चौधरी, रोबिन हुड आर्मी के रजत माथुर तथा अन्य सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। माथुर ने विशेष रूप से सिंघवी भाजपा भवन के सचिव सुरेंद्र सिंह तथा मैनेजर अशोक सिंघवी का अभिवादन किया जिन्होंने आवास के लिए भवन उपलब्ध करवाया। अग्रसेन सेवा संस्थान के अध्यक्ष उमेश लीला ने भी 3 दिन के इस आयोजन हेतु भवन उपलब्ध करवाकर विशेष योगदान प्रदान किया केंद्र कार्यकर्ताओं ने उनका अभिवादन किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ ओमकार और प्रार्थना विश्वा शर्मा ने किया चंद्र प्रकाश अरोड़ा जगदीश प्रसाद शर्मा चना बिरला सुरेश राठी प्रेम रतन सतवाल डॉक्टर दिनेश पेरीवाल ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह तथा श्रीफल भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन विवेकानंद केंद्र जोधपुर के नगर प्रमुख डॉ अमित व्यास ने किया।
समापन समारोह में भाग लेने के लिए संपूर्ण राजस्थान के 32 दिनों से अनेक पदाधिकारी गण पधारे तथा समापन से पूर्व निवेदिता दीदी के साथ बैठक कर आगामी कार्यों का संकल्प पत्र प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के सफल आयोजन में महेश बोहरा, एन. के. प्रजापत, पंकज व्यास , संजय देव, प्रदीप कुमार माथुर ,हरि ,भगवान ,मनीष राठौड़ अनमोल शर्मा, विनीत कपूर, गौरव शर्मा ,योगेश, गजेंद्र सिंह ,अमिता बोहरा ,प्रिया अग्रवाल ,शिल्पा, दीपिका, दिव्यांशु, अनिल गोयल डॉक्टर दर्शन ग्रोवर, गजेशभूतड़ा ,रवि अग्रवाल सहित अनेक कार्यकर्ताओं और गणमान्य नागरिकों ने अपना सहयोग प्रदान किया।
समारोह का मुख्य आकर्षण आदम कद प्रतिमा वाली स्वामी विवेकानंद की मूर्ति तथा स्वामी विवेकानंद के साहित्य को लेकर चलने वाली साहित्य वेन रही।