विवेकानंद केन्द्र द्वारा मनाये जानें बाले पांच प्रमुख उत्सवों में से एक है - गीता जयंती, विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा - जबलपुर द्वारा गीता जयंती का उत्सव मनाया गया। जिसमें अमृत परिवार की संकल्पना को प्रमुख रूप से समाज के बीच स्थापित करने और भागवत गीता के सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप से जीवन में उतारने पर व्याख्यान हुआ। कार्यक्रम में 110 विद्यार्थी, परिजन और कार्यकर्त्ता ने मार्गदर्शन प्राप्त किया।
कार्यक्रम में परिवार मिलन के अंतर्गत "सेवा है यज्ञ कुण्ड समिधा सम हम जलें. . ." गीत का गायन हुआ | खेल और परस्पर मिलन की गतिविधियों के माध्यम से कार्यक्रम में उपस्थित परिवारों के बीच आत्मीयता विस्तार हुआ ।
मुख्यवक्ता डॉ सिद्धांत सिंह, डेंटल सर्नेजन एवं इस्कॉन जबलपुर से सम्बद्ध गीता मर्मज्ञ नें बताया कि भगवतगीता जीवन में धर्म, प्रकृति, जीव, काल और कर्म की अवधारणा का पाठ सिखाती है। इन्हीं में मानव जीवन की सभी कलाएं समाहित हैं अतः प्रत्येक व्यक्ति को भगवत गीता का अध्ययन अनिवार्य रूप से करना चाहिए ताकि हमारे जीवन की हर चुनौती व समस्या का समाधान हम स्वयं कर सकें।
कार्यक्रम के अध्यक्ष और विवेकानंद केंद्र के नगर संचालक श्री वेदप्रकाश शर्मा, रिटायर्ट आई.ए.एस नें बताया कि वर्तमान समाज में परिवारों को एकजुट करते हुए अमृत परिवार के स्वरूप में लाना आवश्यक हो गया है। पारिवारिक मूल्यों की अभिवृद्धि के लिए सामूहिक प्रयासों से ही चुनौतियों का समाधान किया जा सकता है।