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विवेकानंद केंद्र नीडम और शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय स्तर की योग कॉन्फ्रेंस 'योग शास्त्र संगम 2025' का शुभारंभ 22 मार्च को विवेकानंद नीडम् परिसर में किया गया। यह सम्मेलन स्वामी विवेकानंद के योग दर्शन पर आधारित था और 23 मार्च तक चला, जिसमें देशभर के विद्वानों एवं शोधकर्ताओं ने अपने शोध प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हनुमंत राव जी ने 'स्वामी विवेकानंद की दृष्टि में योग' विषय पर अपना उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में योग को केवल स्वास्थ्य लाभ तक सीमित कर दिया गया है, जबकि योग वास्तव में स्वयं की स्वयं के माध्यम से स्वयं तक पहुँचने की एक विधा है। योग केवल योगासन और प्राणायाम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक धर्म आधारित जीवन पद्धति है जिसके कई आयाम हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. आर.एस. धाकड़, विशिष्ट अतिथि महेश कुमार शर्मा एवं भंवर सिंह राजपूत थे। मुख्य वक्ता श्री राव ने बताया कि योग शास्त्र संगम का उद्देश्य हिंदू शास्त्रों के गहन अध्ययन के माध्यम से योग के गूढ़ अर्थों को प्रकाशित करना है। उन्होंने कहा कि योग मानव चेतना को उसकी अंतर्निहित दिव्यता से जोड़ने की प्रक्रिया है।

प्रथम दिवस की गतिविधियाँ

कार्यक्रम के पहले दिन देशभर के 40 से अधिक शोधकर्ताओं ने स्वामी विवेकानंद के योग दर्शन पर आधारित शोध प्रस्तुत किए। कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों का स्वागत प्रो. डॉ. के.एल. शर्मा, नितिन मांगलिक, दिनेश चाकणकर एवं सनी भार्गव ने किया। विवेकानंद केंद्र की गतिविधियों पर अजय शर्मा ने प्रकाश डाला, जबकि कार्यक्रम का संचालन मुकेश गोस्वामी ने किया।

मुख्य अतिथि डॉ. धाकड़ ने कहा कि स्वस्थ रहने के लिए प्रकृति से जुड़ना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह मानसिक और शारीरिक लाभ प्रदान करता है। प्रकृति के सानिध्य में रहने से तनाव कम होता है और मन प्रसन्न रहता है।

इस दिन विभिन्न शोध पत्रों की प्रस्तुति, ध्यान सत्र और विद्यार्थियों द्वारा योगासनों की प्रस्तुतियाँ दी गईं।

द्वितीय दिवस की गतिविधियाँ

23 मार्च को सुबह 6:30 बजे योगाभ्यास से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद 9:30 बजे शोध पत्रों की प्रस्तुति और 10:30 बजे प्रश्नोत्तरी सत्र आयोजित किया गया। दोपहर 12 बजे समापन सत्र संपन्न हुआ। इस संगम में ध्यान और योग की विधियों का प्रशिक्षण भी दिया गया।

विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की जीवनव्रती सुश्री रचना दीदी ने बताया कि इस कार्यक्रम में कुल 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। पहले दिन 40 शोधार्थियों ने योग दर्शन पर प्रस्तुति दी।

योग साधकों के लिए विशेष आयोजन

मीडिया प्रभारी दिनेश चाकणकर ने बताया कि 'योग शास्त्र संगम 2025' एक विशिष्ट राष्ट्रीय सम्मेलन है जिसमें योग साधक और योगाचार्य शामिल हुए। इसके अतिरिक्त पतंजलि सभागृह में भी समानांतर रूप से पेपर प्रेजेंटेशन के सत्र संचालित किए गए। विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के ग्वालियर विभाग संचालक एवं योग शास्त्र संगम के सह संयोजक अजय शर्मा ने बताया कि आयोजन के पहले दिन एडवांस योगासनों की प्रस्तुति योग स्टूडियो एवं तपस योग स्टूडियो के विद्यार्थियों द्वारा दी गई।

इस सफल आयोजन ने योग के शास्त्रीय अध्ययन और व्यावहारिक पक्ष को एक मंच पर लाकर इसे और अधिक प्रभावशाली बनाया।

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