कार्यक्रम का आरंभ प्रतिदिन तीन ओमकार शांति पाठ से किया गया । शिविर में मुख्य रूप से बच्चों को खेल, गीत, कहानी ,योगाभ्यास एवं सूर्य नमस्कार का भी अभ्यास कराया गया। साथ ही साथ कौशल के माध्यम से बच्चों को वैदिक गणित, ब्लॉक प्रिंटिंग एवं संस्कृत संभाषण का भी अभ्यास कराया गया । वैदिक गणित के लिए श्री रामचन्द्र आर्य जी, ब्लॉक प्रिंटिंग के लिए श्रीमति सुनीता प्रकाश जी एवं संस्कृत संभाषण के लिए श्री पृथ्वी राज जी और पूजा पांडेय जी का योगदान मिला। कहानी के माध्यम से हनुमानजी, स्वामी विवेकानंद तथा जोरावर फतेह सिंह की कहानियां सुनाई गई। इस शिविर में सभी बच्चों को तीन गणों ध्रुव, नचिकेता, अभिमन्यु गण में विभाजित किया गया। इन सभी ने अपने अपने गण में अभ्यास किया साथ ही साथ कुछ रचनात्मक गृह कार्य इन्हें दिए गए, जैसे अपने परिवार का वंश वृक्ष बनाना अपने अभी अभिभावकों के साथ पूजा घर या तुलसी चौरा के साथ फोटो खिंचवाना ,सूर्य नमस्कार का अभ्यास करते हुए का वीडियो बनाना, स्वामी विवेकानंद जी का एक विचार कंठस्थ कर वीडियो बनाना इत्यादि ।
समापन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आo राधा दीदी, प्रान्त संगठक, विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, दक्षिण प्रान्त की रही। "नवीन राष्ट्र निर्माण की धरोहर है बच्चें... राधा देवी" दीदी ने दो कहानियों के सहज मार्गदर्शन मिला।
शिविर में संस्कार वर्ग के लिए आवाहन किया गया। पूरे प्रान्त में इस शिविर के बाद पटना विभाग, झारखण्ड विभाग एवं भागलपुर विभाग ऑनलाइन सांस्कार वर्ग का संचालन करेंगी।