विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा शिमला द्वारा आयोजित गुरु पूर्णिमा उत्सव 19 जुलाई 2024 को दोपहर 4 बजे से 6.30 बजे तक एक भक्तिमय और ज्ञानवर्धक वातावरण में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री मोहित जी द्वारा तीन ओंकार और शांति मंत्र के उच्चारण के साथ हुआ। इसके बाद श्रीमती नीरज शर्मा जी ने कार्यक्रम की प्रस्तावना करते हुए मुख्य अतिथि और अन्य सभी का स्वागत और अभिनंदन किया। उन्होंने गुरु पूर्णिमा के महत्व को वेद, पुराण, महाभारत और महर्षि वेद व्यास जी के संदर्भ में समझाया। गुरु-शिष्य परंपरा, ॐ - प्रणव मंत्र और ईश्वर की सबसे गहन अभिव्यक्ति के बारे में भी विस्तार से बताया।
श्री शुभम जी ने विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी और केंद्र द्वारा पूरे देश में चलाई जा रही गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। केंद्र के लक्ष्य "Man making and Nation Building" पर भी चर्चा की। इसके बाद श्री गोपाल जी ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि माननीय प्रो वी के मिश्रा जी ने अपने उद्बोधन में बताया कि एक सच्चा गुरु हमें अपने भीतर के प्रकाश को खोजने में मदद करता है। उन्होंने शिष्य के गुरु में श्रद्धा और निष्ठा के महत्व पर जोर दिया। स्वामी विवेकानंद, स्वामी मुक्तानंद और स्वामी रुद्रानंद जी के उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने गुरु-शिष्य संबंध की गहराई को समझाया। उन्होंने बोधगया में अक्षय वट के पत्तों पर राम, लक्ष्मण और सीता जी के श्राद्ध कर्म की कहानी भी सुनाई और गुणातीत आचरण प्राप्त करने के तरीकों पर प्रकाश डाला।
श्री कृष्ण कुमार शर्मा जी ने मुख्य अतिथि और अन्य सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का धन्यवाद किया और सभी को विवेकानंद केंद्र की गतिविधियों से जुड़ने का आग्रह किया।
कार्यक्रम के अंत में डॉ हेम राज चंदेल जी, श्रीमती सुमन धीमन जी, श्रीमती बिमला जी और श्रीमती सुमन रावत जी ने भजनों की सुमधुर प्रस्तुति दी, जिसमें सभी ने उत्साह से भाग लिया। कार्यक्रम का समापन सूक्ष्म जलपान के साथ हुआ।
इस गुरु पूर्णिमा उत्सव ने सभी को गुरु के महत्व और आध्यात्मिक साधना में उनकी भूमिका का स्मरण कराया।