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हमारे लिए 1 जनवरी का बहुत गहरा महत्त्व है। इसी दिन श्री रामकृष्ण परमहंस ने अपने अन्तिम दिनों में भौतिक, पारिवारिक या आध्यात्मिक स्तर पर व्यक्ति जो भी चाहता था, उसकी पूर्ति का वरदान दिया करते थे, इसलिए इस दिन को ‘कल्पतरु दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। ‘कल्पतरु’ का अर्थ है - इच्छा पूरी करनेवाला वृक्ष। स्वामी विवेकानन्द ने हिन्दू धर्म और हिन्दू समाज की रक्षा के लिए श्री रामकृष्ण परमहंस के जन्म की सराहना की थी। मनोकामना पूर्ण करनेवाला वृक्ष श्री रामकृष्ण हैं, जो हमारे धर्म और हमारी संस्कृति के अवतार थे।  

‘कल्पतरु दिवस’  उत्सव भागलपुर विभाग में दो जगहों पर मनाया गया। पहला कार्यक्रम सोमवार, 1 जनवरी 2024 को विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा भागलपुर द्वारा बिहार झारखंड प्रांत संपर्क प्रमुख डॉ विजय कुमार वर्मा जी के आवास पर केंद्र के एक आयाम -केंद्र वर्ग के साथ  कल्पतरु दिवस का आयोजन हुआ। तीन ओंकार शांति पाठ से प्रारंभ करते हुए गीत, मंत्र अभ्यास, प्राणायाम, खेल, विषय चर्चा और शांति मंत्र से संपन्न हुआ। कुल उपस्थिति  22 लोगों की रही।

चर्चा में बिहार -झारखण्ड  के संपर्क प्रमुख आदरणीय डॉ विजय कुमार वर्मा जी द्वारा बताया गया कि वर्ष 1886 ई के 1 जनवरी के  कुछ दिन पहले ठाकुर परमहंस जी को स्वास्थ्य लाभ लेने हेतु काशीपुर उद्यान में रखा गया था । वहीं पर उनके शिष्य, युवा, गृहस्थ, भक्त जन मिल कर भजन कीर्तन कर रहे थे, तभी अचानक अपने समाधि से उठकर ठाकुर परमहंस जी ने  गिरीश घोष जी से पूछा कि तुम मुझे क्या मानते हो , इस प्रश्न के जवाब में गिरीश घोष जी ने कहा कि हम सभी आपको ईश्वर के अवतार स्वरूप मानते हैं। फिर ठाकुर जी ने अपने सभी शिष्यों को कुछ मांगने को कहा। शिष्यों ने भी अपनी अपनी इच्छा ठाकुर जी के समक्ष रख दिए। सभी शिष्यों ने इच्छा पूर्ण होने का अनुभव किया। शिष्यों पर ठाकुर परमहंस जी का कृपावृष्टि हो गई और फिर ठाकुर जी स्वयं साक्षात "कल्पतरु "बन गए। इसी कारण हम सभी भारतवासी 1 जनवरी को "कल्पतरु दिवस" के रूप में मनाते हैं।

दूसरा कार्यक्रम ग्राम स्थान कहलगांव में सोमवार, 1 जनवरी 2024 को केन्द्र के दायित्वान कार्यकर्ता द्वारा कल्पतरु दिवस मनाया गया कार्यक्रम का शुभारंभ तीन ओंकार, शांतिपाठ, एक्यमंत्र से किया गया।  तत्पश्चात गीत वहां उपस्थित लोगों ने ठाकुर परमहंस जी के बारे में चर्चा की। कार्यक्रम का समापन पुष्पांजलि, शांति मंत्र और केन्द्र प्रार्थना से किया गया। कुल उपस्थिति 11 लोगों की रही।

 

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