![ekbharat-vijaybharat-rajasthan-2019](/sites/default/files/styles/small/public/2019-11/ekbharat-vijaybharat-rajasthan-2019.jpg?itok=xvB6BORq)
स्मारक के संस्थापक एकनाथजी रानडे का जीवन हमें इस बात के लिए प्रेरित करता है कि जीवन में कठिनाइयों के सामने कभी झुकना नहीं है और एक से एक जुड़ते हुए संगठन बनाते हुए आगे बढ़ते जाना है यही विचार आज पूरे देश में विवेकानंद केन्द्र विवेकानन्द शिला स्मारक के 50 में वर्ष में प्रवेश करने के अवसर पर प्रचारित प्रसारित कर रहा है उक्त विचार विवेकानंद केंद्र के प्रकाशन समिति के सदस्य तथा राजस्थान साहित्य अकादमी के सदस्य श्री उमेश कुमार चौरसिया ने शिला स्मारक के संपर्क अभियान के अवसर पर सीनियर सिटीजन ग्रुप 3 की बैठक में व्यक्त किए।