भारत वर्ष स्वामी विवेकानंद की १५० वी जयंती मना रहे है। स्वामीजी की प्रसगिकता १५० वर्ष बाद भी रहेगी । उनके आदर्शों और आज के युवा को एक - दुसरे का विरोधी माना जाता है , लेकिन ऐसा नहीं है । स्वामीजी ने जीवन का ध्येय निश्चित करने के बाद कभी पलट कर नहीं देखा ।