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दिनांक 10 सितम्बर 2022 को विवेकानन्द केन्द्र की पटना शाखा द्वारा "विश्व बन्धुत्व दिवस" कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विदित हो कि स्वामी विवेकानन्द जी शिकागो स्थित आयोजित 'विश्व धर्म सम्मेलन' में सहभागी होकर 11 सितम्बर 1893 को भारत के प्रतिनिधि के रूप में उद्बोधन दिएँ थे जिनके ओजस्वी वचनों से समग्र विश्व प्रभावित हुआ और सभी पन्थो को स्वीकार करने वाली बातों के कारण विश्व बन्धुत्व की भावना प्रबल हुई। इसी आदर्श को ध्यान में रखते हुए "विवेकानन्द शिला स्मारक और विवेकानन्द केन्द्र' के संस्थापक माननीय एकनाथजी ने प्रत्येक वर्ष 11 सितम्बर को "विश्व बन्धुत्व दिवस" मनाने की परम्परा विकसित की।
      सिन्हा लाइब्रेरी रोड स्थित बी.आई.ए. हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में विवेकानन्द केन्द्र के राष्ट्रीय महासचिव माननीय भानुदासजी एवं मुख्य अतिथि स्वरूप श्री रमाकांत शर्मा, (अध्यक्ष, बिहार बार काउंसिल) उपस्थित रहें। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रवीन्द्र किशोर सिन्हा (पूर्व सांसद, राज्य सभा) ने किया।
     कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रों से हुई। मंचासीन अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्ज्वलन होने के बाद स्वागत-परिचय मञ्जरी दीदी (सह नगर प्रमुख) ने करवाया उसके बाद जूही बहन द्वारा एक विवेकानन्द मय देशभक्ति गीत गाया गया। कार्यपद्धति प्रमुख सुलेखा दीदी ने विवेकानन्द केन्द्र का परिचय दिया। मुख्य अतिथि ने कहा कि भौतिक उन्नति चाहे कितनी भी क्यों न हो जाए, उससे आत्मिक संतुष्टि नहीं मिलती है। विवेकानन्द जैसे दार्शनिको से प्राप्त संस्कार ही हमें जीवन में आगे ले जाता है।
     स्वामी जी का 'स्वदेश मन्त्र' सत्यम भाई द्वारा बोले जाने के बाद मा० भानुदासजी मुख्य वक्ता ने कहा कि स्वामीजी शिकागो के धर्म सम्मेलन में सहभागी होकर भारतवर्ष के बारे में व्याप्त गलत विचारों को विदेशियों के मन से पूरी तरह निकाल दिया। उन्होंने आगे बताया कि विवेकानन्द ने हमें नया कुछ भी सिद्धांत नहीं दिया बल्कि पौराणिक आध्यामिक दार्शनिक तत्वों को ही आधुनिकता से सुसंगत व व्यवहार में अपनाए जा सकने वाले बातों को सबके सामने प्रस्तुत किया। आज वैचारिक युग में हमें विविधता में एकता वाली बात को स्वीकारने की आवश्यकता है ताकि आत्मीयता और एकात्मता को संदेश को समझ सकें।
    अंत में कार्यक्रम के अध्यक्षता करते हुए माननीय रविन्द्र किशोरजी ने कहा कि स्वामीजी का योगदान विश्व के लिए अभूतपूर्व रहा है। उनका सन्यासी जीवन और महामारी के समय बंगाल में समाजसेवा का कार्य हमसभी के लिए बहुत ही प्रेरणास्त्रोत है। मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं है।
     'विश्व बंधुत्व दिवस' कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन केन्द्र की नगर संचालक शिखा सिंह दीदी ने किया। कुल मिलाकर 120 की संख्या में पटना के गणमान्य लोग उपस्थित रहें।

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