विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी शाखा संभाजीनगर और वेरुल नगर ने 26 जनवरी को "Success Mantra given by Swami Vivekananda" विषय पर एक उत्साहपूर्ण युवा संवाद और भारत माता आरती कार्यक्रम का आयोजन किया। यह आयोजन देशभक्ति और प्रेरणा से परिपूर्ण रहा, जिसमें बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत
कार्यक्रम का शुभारंभ स्वामी विवेकानंद की छवि को पुष्पार्पण कर और देशभक्ति गीतों के सुमधुर गायन से हुआ। इस आयोजन में छत्रपति संभाजीनगर के विभिन्न कॉलेजों से कुल 318 युवा उपस्थित थे, जिन्होंने स्वामी विवेकानंद के विचारों से प्रेरणा प्राप्त की।
युवाओं के लिए मार्गदर्शन
इस विशेष मार्गदर्शन सत्र में माननीय निवेदिता ताई ने युवाओं को स्वामी विवेकानंद के सफलता मंत्रों से अवगत कराया। उन्होंने निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदु प्रस्तुत किए:
सफलता की परिभाषा - हमारे जीवन में सफलता की परिभाषा निर्धारित किए बिना, हमें अपने जीवन को सफलता के उद्देश्य से जोड़ना चाहिए। लेकिन यह सफलता केवल व्यक्तिगत न होकर, राष्ट्र के लक्ष्य से जुड़ी होनी चाहिए।
राष्ट्र सेवा का संकल्प - हमें यह समझने की आवश्यकता है कि हम जिस भी क्षेत्र में कार्यरत हैं, उसी के माध्यम से हम राष्ट्र की सेवा कर सकते हैं। किसी भी क्षेत्र में सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपने कार्य को कितनी निष्ठा और दृढ़ता से पूरा करते हैं।
विचारों की शक्ति - अपने स्वप्नों को प्राप्त करने के लिए हमें अपने विचारों की शक्ति को पहचानना होगा। हमारे भीतर असीमित शक्ति है, जिसे पहचानकर हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
सफलता की मानसिक छवि - युवाओं को संबोधित करते हुए, निवेदिता ताई ने यह भी कहा कि वे हर दिन अपनी सफलता की मानसिक छवि देखें और उसे साकार करने के लिए प्रयासरत रहें।
भारत माता आरती का भव्य आयोजन
माननीय निवेदिता ताई के प्रेरणादायक सत्र के बाद, संभाजीनगर के विवेकानंद केंद्र के 40 शुभचिंतकों के सहयोग से संभाजीनगर में पहली बार भव्य भारत माता आरती का आयोजन किया गया। यह एक ऐतिहासिक क्षण था, जिसमें युवा एवं वरिष्ठ नागरिकों सहित कुल 420 प्रतिभागियों ने भाग लिया और अपनी राष्ट्रभक्ति को अभिव्यक्त किया।
यह कार्यक्रम न केवल युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बना, बल्कि राष्ट्र सेवा और स्वामी विवेकानंद के विचारों को आत्मसात करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित हुआ।