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मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद् जिला सागर एवं विवेकानन्द केन्द्र कन्याकुमारी, शाखा सागर के तत्वाधान में विवेकानंद जयंती का आयोजन जिला पंचायत सभागार में किया गया।

"स्वामी विवेकानंद का जीवन एवं सन्देश" विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि नगर विधायक शैलेन्द्र जैन ने कहा कि विवेकानंद जी ऐसे युवा महापुरुष थे जिनका पूरी दुनिया लोहा मानती थी, विश्वधर्म सम्मेलन में स्वामी जी के ऐतिहासिक भाषण के बाद भारत के प्रति पूरी दुनिया के देशो की  विचारधारा बदल गयी और विश्व के सभी देश भारत की तरफ आशाभरी निगाहो से देखने लगे l उन्होंने कहा जो स्वप्न विवेकानंद जी ने भारत के कल्याण के लिए उस समय देखा था उसे हम सभी को मिलकर पूरा करना है तभी उनके  प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजली  होगी l

स्वागत उद्बोधन जिला समन्वयक केके मिश्रा ने दिया। केंद्र के नगर प्रमुख गौरव सिंह राजपूत ने जिनके ओजस्वी वचनों से गूंज उठा था विश्व गगन गीत का ओजपूर्ण गायन किया। केंद्र परिचय विभाग संपर्क प्रमुख नीलरतन पात्रा ने, विवेक वाणी की प्रस्तुति बसंत प्रजापति ने दी। केंद्र के चंद्रप्रकाश शुक्ला ने तीन ओमकार प्रार्थना ली।

शिक्षा के क्षेत्र में समर्पित युवा भवदीप दुबे को स्वामी विवेकानंद सम्मान से सम्मानित किया गया। ‌

मुख्य वक्ता शासकीय महाविद्यालय की हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. सरोज गुप्ता ने  कहा की स्वामी विवेकानंद संकल्पशील विचारों,ऊर्जस्वित शक्ति, अध्यात्म और आत्मविश्वास के ऐसे युगपुरुष शक्ति पुंज थे , जिन्होंने भारत ही नहीं पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति की ध्वजा पताका फहराई और अपने ओजस्वी विचारों से युवाओं में राष्ट्र निर्माण की नई चेतना जगाई। कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन" के भाव से ओतप्रोत होकर युवाओं का आलस्य दूर करते हुए कहा कि जब सभी पुरुष और नारी मिलकर हजारों की संख्या में संगठित होकर व्यापक विचार क्रांति अभियान प्रारंभ करेंगे तथा अग्नि की तरह हिमालय से लेकर कन्याकुमारी तक सम्पूर्ण भारत और विश्व में फैलकर भारत को प्रतिष्ठापित करेंगे तभी सद्विचारों से जनमानस की जब सोच बदलेगी, विचार बदलेंगे तब भारत में एक नयी विवेकानन्दी क्रांति घटित होगी। रामराज्य की परिकल्पना साकार होगी।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जन अभियान परिषद् के संभाग समन्वयक दिनेश उमरैया ने कहा कि युवा उम्र से नहीं ऊर्जा से हुआ करते है, 70 बर्ष का व्यक्ति भी युवा है अगर उसके जीवन में ऊर्जा, उमंग और उत्साह है।

कार्यक्रम की दूसरी विशिष्ट अतिथि वाल्मीकि समाज की अध्यक्ष भारती करोसिया ने कहा की हम सभी को विवेकानंद की पुस्तकों का अध्ययन कर उनके पदचिन्हों पर चलना चाहिए।

अध्यक्षता कर रहे डॉ हरिसिंह गौर विवि भूगोल विभाग के सेवानिवृत प्रो संतोष शुक्ला ने  कहा कि स्वामी विवेकानंद के जीवन में नकारात्मकता थी ही नहीं इसी तरह हम सभी को इस जीवन पथ पर सफलता प्राप्त करनी है तो हमें अपने जीवन में सकारात्मक विचारो को आत्मसात करना होगा l धर्मेन्द्र शर्मा जी ने भी संबोधित किया।

संचालन केंद्र के संपर्क प्रमुख डॉ आशीष द्विवेदी ने किया। आभार  गजेंद्र सिंह ने माना।  शांति मंत्र केंद्र के संस्कार बर्ग शिक्षक शतांशु पात्रा ने किया।

इस अवसर पर विवेकानंद केंद्र के सभी दायित्वान  कार्यकर्ता व जन अभियान परिषद के सभी ब्लॉक समन्वयक, परामर्शदाता, नवांकुर, प्रस्फुटन समिति के कार्यकर्ता  सीएमसीएलडीपी के छात्र और नगर के प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।

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