Skip to main content

विवेकानंद केंद्र, गुजरात प्रान्त द्वारा, प्रान्त कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिबिर का आयोजन दिनांक 23 से 29 - दिसम्बर २०१९  के मध्य हुआ। वर्ग का आयोजन  एम. एम. चौधरी कला महाविद्यालय, राजेंद्रनगर, साबरकांठा जिले में था। शिबिर का उद्धेश्य ऐसे युवा कार्यकर्ताओ को प्रशिक्षित करना था, जो अपने स्थान में केंद्र गतिविधियों के सञ्चालन में दायित्ववान कार्यकर्ता के रूप में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। शिबिर सूत्र  *“परस्परं भावयन्तम श्रेयः परमवाप्स्यथ”* था, एवं छह दिवस के दिन महात्म्य क्रमशः, उत्साह,  धृति, श्रद्धा, निर्भयता, अजातशत्रु एवं आत्मवत रखे गए थे ।

इस वर्ष विवेकानंद शिलास्मारक के 50वर्ष में प्रवेश के अवसर पर केंद्र ने संपर्क कार्य हाथ में लिया है, जिसका सूत्र है "एक भारत - विजयी भारत"। इसी अवसर को ध्यान में रखते हुए, विवेकानंद शिलास्मारक से संबंधित महापुरुषों के आधार पर २ मंडल  ( श्री रामकृष्ण मंडल, माँ शारदा मंडल ) एवं 7  गणों ( परमपूजनीय श्री माधवानंदजी, परमपूजनीय श्री गुरूजी गोलवलकर, परमपूजनीय श्री परमाचार्यजी, परमपूजनीय श्री चिन्मयानंदजी, परमपूजनीय श्री रंगनाथानन्दजी, श्री एस. के. आचारीजी, श्री एस. एम. पंडितजी ) का विभाजन किया गया।  इन गणों का सञ्चालन गणप्रमुख ने किया। साथ में मंडल प्रमुख भी गणों के प्रशिक्षण का सतत निरिक्षण कर रहे थे।

23 तारीख को पंजीयन एवं भजन संघ्या परिचय सत्र  से शिविर का आरंभ हुआ।

*बौद्धिक सत्र*

1) भारतमाता एवं राष्ट्रभक्त सन्यासी -स्वामी विवेकानंद , 

2) Swami   Vivekananda's Vision- Ma. Eknathjis Mission, 

3) प्रणवमंत्र एवं केन्द्रप्रार्थना, 

4) विवेकानंद शिलास्मारक -एक भारत विजयीभारत, 5) केंद्र कार्य की आवश्यकता, 

6) मनुष्य निर्माण राष्ट्र पुनरुत्थान, 

7) चतुसूत्री व संपर्क, 

8) कार्यकर्ता गुण ओर विकास, 

9) अनुशासन व दिनचर्या, और    

10) कार्यपद्धति विषयों पर रहे ।

*स्वाध्याय*  क्रमशः 

1) चर्चा अधिकार एवं कर्तव्य, 

2) पढ़कर - विवेकानंद शिलास्मारक प्रसंग , 

3) प्रत्यक्षदर्शन- सेवा के प्रकार, 

4) नाट्य- स्थानिक समस्या एवं सकारात्मक प्रतिसाद

5) संवाद- पूर्णकालिक के साथ विषयों पर रहा ।  

 

गीत मंत्र अभ्यास सत्र।

*नैपुण्य*

 1) उत्सव, 2) कार्य व्यवस्था, 3) योगसत्र, 4) चमु निर्माण” विषयों पर  सत्रों, भजन संध्या, प्रेरणासे पुनरुत्थान का आयोजन किया गया। प्रेरणा से पुनरुत्थान सत्र में अखिल भारतीय संयुक्त महासचिव मा. रेखादीदी का  मा. एकनाथजी के साथ कार्य, केन्द्रकार्य एवं उत्तरपुर्वांचल कार्य के अनुभव विषयों पर संवाद , एवं भारत माता पूजन आरती विशेष  प्रेरणास्पद रही। 

*शारीरिक विभाग*  द्वारा गहन प्रशिक्षण हेतु प्रातः योगसत्र, श्रम संस्कार एवं सायं आज्ञाभ्यास, संस्कार वर्ग का आयोजन किया गया। शिबिर के मध्य सभी कार्यकर्ताओ ने 121 सूर्यनमस्कार उत्साह से किये ।

आहुति सत्र गुजरात प्रान्त प्रमुख आदरणी श्री नरेन्द्रभाई त्रिवेदी द्वारा लिया। शिबिर में शिबिराधिकारी आदरणीय श्री रमेशभाई शाह की प्रेरक उपस्थिति भी पूर्ण समय रही। साथ ही गुजरात प्रान्त सहसंचालक मा. डॉ. कमलेशभाई उपाध्याय, प्रान्त संपर्क प्रमुख आदरणीय श्रीनलिन भाई पंड्या, प्रान्त कार्यपध्दति प्रमुख श्री चिंतनभाई चुडासमा, प्रान्त साहित्य सेवा प्रमुख आदरणीय श्री महिपतभाई खुमाण की उत्साहवर्धक उपस्थिति रही ।

शिविर में प्रान्त के १८ स्थानो से ६० सहभागी एवं 22 सञ्चालन चमु में कुल ८२ कार्यकर्ता रहे | तथा एक राष्ट्रीय अधिकारी, 5 प्रांत अधिकारी, 3 विभाग अधिकारीओ की प्रेरणास्पद उपस्थिति रही।

 

शिबिर की कुछ अन्य स्मरणीय बाते :    

* 26 तारिख के प्रत्यक्ष दर्शन स्वाध्याय में सहयोग कुष्ठ यज्ञ ट्रस्ट के द्वारा चल रहे कुष्ठ रोगियों एवं मंदबुद्धि व्यक्तिओ की सेवा एवं सेवामूर्ति मा. श्री सुरेशभाई सोनी के साथ संवाद व प्रश्नोत्तरी विशेष प्रेरणास्पद रही।

* 27 तारीख को रायगढ़ ग्राम में ग्राम संपर्क किया गया, जिसके अंतर्गत रायगढ़ प्राथमिक शाला में 200 बच्चो का संस्कारवर्ग एवं भैरव मंदिर में ग्रामजनों के साथ भजन संध्या का अनुभव अविस्मरणीय रहा, साथ ही ग्रामजनों का आतिथ्य एवं सहयोग भी खूब प्राप्त हुआ।

* रिक्त समय में सहभागी सूर्यनमस्कार मंत्रो एवं स्थितियों की पूर्णता, गण गीत आदि का अभ्यास अपने गण में करते थे।              

* शिबिर दर्शन हेतु आने वाले  शुभचिंतक,  शिबिर के अनुशासित एवं उत्साह पूर्ण वातावरण से प्रभावित हुए। सत्र हेतु  एवं  शिबिर दर्शन हेतु  कुल 10 कार्यकर्ता एवं शुभचिंतक आये। 

Get involved

 

Be a Patron and support dedicated workers for
their YogaKshema.

Camps

Yoga Shiksha Shibir
Spiritual Retreat
Yoga Certificate Course

Join as a Doctor

Join in Nation Building
by becoming Doctor
@ Kendra Hospitals.

Opportunities for the public to cooperate with organizations in carrying out various types of work