विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी दक्षिण प्रान्त संगठक आ. राधा देवी का इंदौर नगर में भगिनी निवेदिता सार्ध शती समारोह के अवसर पर मातृशक्ति विमर्श कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। आ.राधा देवी ने स्वामी विवेकानंद के पार्श्व भूमि में भगिनी निवेदिता का जीवन श्रोताओं को बताया। भगिनी निवेदिता एक आयरिश महिला होने के बावजूत उसकी भारत पर अपर भक्ति थी, भगिनी निवेदिता भक्ति की साक्षात मूर्ति थी। आज के समय में मातृशक्ति ने बच्चों को संस्कारित करना, अपने संस्कति पर अभिमान करना एवं जीने की आवाश्यक है और उसके लिए भगिनी निवेदिता का जीवन मार्गदर्शन करता है। भगिनी निवेदिता के सामने भौतिकता, सुविधा, भाषा एवं नैसर्गिक चुनौतीया होने के बावजूत भी उसने भारत की अंतिम साँस तक सेवा की और इसीलिए यही आदर्श आज भारत के मातृशक्ति ने रखकर समाज के नेतृत्व में आगे आने की आवश्यकता है ऐसा आहवाहन आ. राधा देवी ने किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता शारदा मठ इंदौर के सचिव पूजनीय तथागत माताजी ने किया। माताजी ने भगिनी निवेदिता के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा की एक आयरिश महिला यदि भारत के लिए अपना जीवन समर्पित कर सकती है तो भारत की मातृशक्ति को भी यह आदर्श अपने सामने रखते हुए आगे आना होगा।
कार्यक्रम में कुल १०० की संख्या में इंदौर नगर के युवा बहने, प्रबुद्ध मातृशक्ति उपस्थित थी। कार्यक्रम में कस्तूरबा ग्राम की समाज सेविका आ.पुष्पा दीदी का सत्कार किया गया। विमर्श कार्यक्रम का प्रारंभ 3 ॐ प्रार्थना, गीत (दिव्या ध्येय की और तपस्वी), भगिनी निवेदिता के जीवन की एक घटना का स्मरण, केंद्र परिचय, वक्ता परिचय, अध्यक्षीय भाषण, मुख्या उद्बोधन, प्रश्नोत्तरी एवं शांति मन्त्रे के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ।