विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी, शाखा - बिलासपुर द्वारा चार दिवसीय आवासीय संस्कार वर्ग प्रशिक्षण शिविर का आयोजन राम मंदिर, तिलक नगर, बिलासपुर में 24 अप्रैल से 27 अप्रैल 2018 तक किया जा रहा है l
इसका उद्घाटन सत्र दिनांक 24.4. 2018 को सायं 6:30 में हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक माननीय काशीनाथ गोरे जी, विवेकानंद केंद्र के विभाग संपर्क प्रमुख डॉ उल्हास वारे जी, तथा केशवराव दिघ्रस्कर जी एवं विवेकानंद केंद्र बिलासपुर के नगर प्रमुख संजय आयदे जी उपस्थित थे l
कार्यक्रम का शुभारंभ तीन ओमकार एवं मंगलाचरण से हुआ । विवेकानंद केंद्र रायपुर के नगर संगठक श्री बलवीर जी ने "हम हैं सपूत भारत के...." गीत लिया एवं संस्कार वर्ग की बालिका द्वारा विवेक वाणी बोला गया l तत्पश्चात आ. उल्हास वारे जी विवेकानंद केंद्र के कार्यपद्धती, प्रकल्प, विद्यालय, सेवा कार्य के बारे में विस्तार से बताया एवं संजय आयदे जी ने विवेकानंद केंद्र का संक्षिप्त परिचय दिये ।
संघचालक आ. काशीनाथ गोरे जी ने कहा जीवन में संस्कारों एवं नैतिक मूल्यों का विशेष महत्व है, उन्होंने शिविरार्थी बच्चों से पूछा क्या आप लोगों को अपनी पुस्तक में महापुरुष दिखते हैं ? फिर वे बोले हमारे पाठ्य पुस्तकों में महापुरुषों के जीवन चरित्र का समावेश होना चाहिए ताकि उनके जीवन चरित्र से हम प्रेरणा ले सकें l गोरे जी बच्चों से बोले विवेकानंद केंद्र संस्कार की शिक्षा देता है, आगामी 4 दिनों तक आपको यहां विवेकानंद केंद्र द्वारा संस्कार का प्रशिक्षण मिलेगा । उन्होंने कहा अच्छे मार्ग पर चलते हुए संगठन बनाने की आवश्यकता है, सत्य की हमेशा विजय होती है उदाहरणस्वरूप उन्होंने बताया संख्या में कम होने के बावजूद पांडवों की विजय हुई, जबकि वे कौरवों की तुलना में संख्या में नगण्य थे l ज्ञान, शक्ति आदि की अधिकता होने पर भी घमंड नहीं करना चाहिए साथ ही जीवन में शील (आचरण) का बड़ा महत्व है उन्होंने देवताओं के राजा इंद्र के पद का उल्लेख करते हुए बताया उस पद पर जाकर इंद्र बनाने के लिए योग्यता एवं व्यवहार महत्वपूर्ण है, बड़ों का सम्मान करना, अनुशासित रहना, कचरा निश्चित स्थान पर फेंकना आदि महत्वपूर्ण है । देश का भला संगठन से ही हो सकता है अतः संगठन आवश्यक है ।
अगले क्रम में आ. वारे जी ने बच्चों को शिविर की दिनचर्या के विषय में बताया शिविर में भोजन के पूर्व सभी भोजन मंत्र बोलेंगे, राष्ट्रीय प्रेरणा से युक्त गीत सिखाए जाएंगे, सामूहिकता का संस्कार विकसित होगा एवं स्वावलंबी बनने की प्रेरणा मिलेगी जिसे बच्चों को शिविर के बाद भी अपने दैनिक जीवन में बनाए रखना होगा । प्रदीप देशपांडे आरुणि की कहानी सुनाते हुए गुरु का आज्ञा पालन करने की प्रेरणा बच्चों को दिए ।
कार्यक्रम का संचालन आदरणीय बलवीर जी नगर संगठक विवेकानंद केंद्र रायपुर ने किया इस अवसर पर विवेकानंद केंद्र के संरक्षक आ. प्रभाकर जी, नगर युवा प्रमुख आशुतोष शुक्ल, विस्तार प्रमुख अनिल साहू एवं स्थानीय लोगों में विक्रमधर दीवान, उदय डबली, दीपक, श्रीमती देशपांडे एवं बहनों के साथ उनके पालक भी शिविर में उपस्थित रहे । संस्कार वर्ग शिविर में गण प्रमुख की भूमिका का निर्वहन युगलकिशोर, ज्योति मानिकपुरी, प्रीति सोंधिया, सुरेखा कर रहे हैं l शिविर में कुल 60 भैया - बहनों की उपस्थिति है l शिविर आयोजन में विवेकानंद केंद्र के सभी कार्यकर्ताओं, हितचिंतकों एवं दानदाताओं का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोग रहा l