28/11/15 को संध्या 05:30-08:30 विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के बिलासपुर इकाई द्वारा "समिधा वर्ग" का आयोजन किया गया था। जिसमें अमरकंटक तथा पेंड्रा वाले स्वामी जी का सानिध्य प्राप्त हुआ, साथ ही विवेकानंद केंद्र मध्य प्रांत संगठन भंवर सिंह राजपूत जी का उद्बोधन हुआ। कई समाजों के प्रमुख व्यक्ति भी उपस्थित थे। लगभग 250 लोगों की स्थिति रही।
उपस्थित जनों को विवेकानंद केंद्र द्वारा अभी तक बिलासपुर में की गई गतिविधियों से चलचित्र के माध्यम से अवगत कराया गया, साथ ही केंद्र एक परिचय डॉक्यूमेंट्री भी दिखाया गया।
स्वामी जी केंद्र के कार्यकर्ताओं की कर्मठता तथा समाज का समाज सेवियों तथा साधु-संतों के प्रति आदर एवं सहयोग को अपने एक जीवन वृतांत का उदाहरण देकर समझाये।
इसके पश्चात गीत एवं विवेक वाणी के उपरांत प्रांत प्रमुख जी का उद्बोधन प्रारंभ हुआ, "राजपूत जी" ने अपने उद्बोधन के दौरान इस बात पर जोर दिया कि मनुष्य को अपने जीवन का एक लक्ष्य बना कर चलना चाहिए इस लक्ष्य का तात्पर्य एक दिन अथवा एक साल अथवा पांच साल की कार्यशैली से नहीं अपितु जीवन भर के सार्थक लक्ष्य से है।