स्वामी विवेकानन्दजी के विचारों को समाज जीवन में प्रसारित करने के लिए विवेकानन्द केन्द्र की ओर से देश के विभिन्न राज्यों में प्रकाशन विभाग कार्यरत हैं। इन प्रकाशन विभागों के द्वारा अनेक भाषाओं में साहित्य प्रकाशित किये जाते हैं। साथ ही Utility अर्थात उपयोगी उपहार वस्तुओं जैसे डायरी, कैलेंडर्स, पोस्टर्स तैयार किये जाते हैं।
इस क्रम में प्रस्तुत है अपने प्रकाशन विभाग का रिपोर्ट।
1) विवेकानन्द केन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट (VKPT), चेन्नई (तमिलनाडु), जहाँ अंग्रेजी तथा तमिल भाषा में पुस्तकें प्रकाशित होती हैं।
2) विवेकानन्द केन्द्र हिन्दी प्रकाशन विभाग, जोधपुर (राजस्थान)।
Ivan Illich was a Croatian-Austrian philosopher, a rebellious priest, and critical of the institutions of modern Western culture. During the last days of his life he admitted that he was greatly influenced by one of the Indian economists and an adviser to M.K. Gandhi, J.C. Kumarappa, most notably, his book, Economy of Permanence
“There is an ascending evolution in nature which goes from the stone to the plant, from the plant to the animal, from the animal to man. Because man is, for the moment, the last rung at the summit of the ascending evolution, he considers himself as the final stage in this ascension and believes there can be nothing on earth superior to him.