महाकुंभ 2025, प्रयागराज में, विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी ने अपनी सेवा और समर्पण का उत्कृष्ट परिचय दिया। “हिंदू राष्ट्रीय चेतना का जागरण” के संकल्प के साथ, केंद्र ने श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सेवाएँ प्रदान कीं। यह आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है।
धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व
महाकुंभ का धार्मिक महत्व हिन्दू धर्म में सर्वोपरि है। गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति मानी जाती है।
वैज्ञानिक दृष्टि से, यह आयोजन बृहस्पति ग्रह की विशेष स्थिति पर आधारित होता है, जो हर 144 वर्ष में आती है। इस खगोलीय घटना का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व विशेष रूप से स्वीकार किया जाता है।
विवेकानंद केंद्र का शिविर
विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी ने संकट मोचन लोअर मार्ग, यमुना तट पर सेवा शिविर स्थापित किया। शिविर में निम्नलिखित सेवाएँ प्रदान की गईं:
- आवास व्यवस्था: 100 श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क आवास की सुविधा। 45 दिनों में लगभग 4000 श्रद्धालुओं ने रात्रि निवास किया।
- भोजन सेवा: प्रतिदिन 200 श्रद्धालुओं को नाश्ता, चाय और भोजन प्रदान किया गया। कुल 9000 श्रद्धालुओं ने इस सेवा का लाभ उठाया।
- भंडारा: 15 दिनों तक 2500 श्रद्धालुओं के लिए खिचड़ी प्रसाद वितरण किया गया। कुल 37,500 श्रद्धालुओं ने इस सेवा का लाभ लिया।
शिवराज्याभिषेक महोत्सव
19 फरवरी 2025 को छत्रपति शिवाजी महाराज के 350वें शिवराज्याभिषेक उत्सव का भव्य आयोजन किया गया।
- व्याख्यान: श्री पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ जी और भगवा सेना के अध्यक्ष श्री कमल रावल जी ने प्रेरणादायक व्याख्यान दिए।
- भगवा यात्रा: एक हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने शिवाजी महाराज और स्वामी विवेकानंद की पालकी यात्रा में भाग लिया।
- संगम स्नान और आरती: छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति को दुग्धाभिषेक कर संगम स्नान कराया गया और भव्य गंगा आरती संपन्न हुई।
विशेष आयोजन
- संत कुटीर: साधु-संतों के लिए विशेष कुटीर बनाई गई, जहाँ साधना और सत्संग का आयोजन हुआ।
- महाशिवरात्रि भंडारा: अंतिम अमृत स्नान के अवसर पर 20,000 श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया।
- साहित्य सेवा: विवेकानंद केंद्र हिंदी प्रकाशन विभाग ने साहित्य सेवा केंद्र के माध्यम से प्रेरणादायक पुस्तकों का वितरण किया।
विशिष्ट उपस्थिति
इस कार्यक्रम में विवेकानंद केंद्र की अखिल भारतीय उपाध्यक्ष माननीय निवेदिता भिड़े, संयुक्त महासचिव श्री किशोर टोकेकर, भगवा सेना के अध्यक्ष श्री कमल रावल, और परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती उपस्थित रहे। साथ ही, वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और सांसद श्री तेजस्वी सूर्य ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
निष्कर्ष
महाकुंभ 2025 में विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की सेवाओं ने श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक संतोष प्रदान किया और सेवा की भावना को सुदृढ़ किया। यह आयोजन भारतीय संस्कृति, धर्म और एकता का प्रतीक बनकर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।