वेदोंने विश्व बंधुत्व का संदेश दिया है और भारतीय संस्कृति वेदों से उत्पन्न हुई है। स्वामी विवेकानंद ने उसी विचारधारा संदेश को भोगवाद में डूबी मानवता को सुख-शांति का रास्ता प्रशस्त करने के लिए दिया। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सोमवार को शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी की शिमला शाखा की और से विश्व बंधुत्व दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम मेें बोल रहे थे। उन्होंने विवेकानन्द केंद्र के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बच्चों को संस्कारित करने और भारतीय परम्परा एवं संस्कृति से अवगत करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द के चिन्तन को जीवन में आत्मसात करें। आचार्य देवव्रत ने कहा कि भारत कभी भी अक्रांता देश नहीं रहा है। इस देश से विदेशों में धर्म गुरु जरूरी गए लेकिन उन्होंने केवल विश्व बंधुत्व का ही संदेश दिया। उन्होंने चिंता जताई कि आज विश्व भर में धर्म के नाम पर मतभेद हैं और लड़ाई का प्रमुख कारण भी। उन्होंने कहा कि जो तुम अपने लिए चाहते हो वह दुसरे के लिए पैदा करो वही धर्म है और स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में आयोजित सर्वधर्म सम्मेलन के नाम से आयोजित कार्यक्रम मेें धर्म के इन मूल सिद्धांतों को विश्व को दिया जिसे कोई नकार नहीं सका।
इन्हेंकिया सम्मानित: प्रतियोगितामें पारितोषिक वितरण भी किया गया। राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने बच्चों को सम्मानित किया। इसमें सीनियर वर्ग में दिव्याशु दयानंद पब्लिक स्कूल, निकिता गल्स सीनियर सेकंडरी स्कूल पोर्टमोर पलक चौहान लौरेटाे पब्लिक स्कूल भराड़ी को सम्मानित किया। जूनियर वर्ग में गौरी शर्मा लोरेटो कांन्वेंट स्कूल तारा हाल निमिषा चडडा डीएवी टूटू दिलप्रीत भाटिया विशप कॉटन स्कूल शिमला को सम्मानित किया गया। विवेकानंद बौद्धिक प्रतियोगिता का परिणाम जो विश्वविद्यालय कॉलेज में करवाई गई थी इसमें अक्षय सिंगटा संजौली कॉलेज प्रथम यमुना कुमारी गुंजन संजौली कॉलेज मोनिका हिंदी सभाग एचपीयू को सम्मानित किया।
इन्हेांनेभी रखे विचार : इससेपूर्व विवेकानन्द केंद्र कन्याकुमारी के संयुक्त महासचिव किशोर तोकेकर ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा स्वामी विवेकानन्द की शिक्षाओं पर विस्तृत चर्चा की। निदेशक भाषा कला एवं संस्कृति रामकुमार गौतम ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।