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डीएवी पब्लिक स्कूल में सामूहिक सूर्यनमस्कार महायज्ञ विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी के तत्वावधान में बीओआरएल टाउनशिप स्थित डीएवी बीओआरएल पब्लिक स्कूल में स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर सामूहिक सूर्यनमस्कार महायज्ञ का आयोजन किया

गया। कार्यक्रम का शुभारंभ समारोह के मुख्यअतिथि वरिष्ठ चिकित्सक डाॅ. एसएन उपाध्याय व प्राचार्य श्री जीके उद्गाता ने स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्पार्पण कर किया। कार्यक्रम में विद्यालय के बच्चों ने गीत‘ नदिया न पीएं कभी अपना जल, वृक्ष न खाएं कभी अपना फल‘ गीत प्रस्तुत किया। इसके पष्चात् वीके बीओआरएल चिकित्सालय के प्रशासनिक अधिकारी गिरीश कुमार पाल ने बच्चों को भगवान भास्कर के 12 नामों को सबीज मंत्र दोहरवाते हुए सूर्यनमस्कार कराएं। सूर्यनमस्कार के पश्चात् बच्चों ने नाडी शोधन व

भ्रामरी प्राणायाम भी किया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यअतिथि डाॅ. श्री उपाध्याय ने बताया कि स्वामी विवेकानंद को भारत की नई पीढी से काफी आशाएं है, वे तेजस्वी और चरित्रवान युवाओं का आव्हान करते है, वे कहते हैं कि हमें नियमित योग व व्यायाम करना चाहिए। तभी हम धर्म को धारण करने लायक शरीर बना पाएंगे। उन्होने बच्चों से आव्हान किया कि बच्चे नियमित योग कर बलिष्ठ बनें। जब बलिष्ठ होंगे तो ही आप विवेकानंद के आदर्श को धारण कर पाएंगे। कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य श्री उदगाता ने बच्चों को आर्शीवचन प्रदान किया।

विवेकानंद केन्द्र की बीना शाखा द्वारा विवेक संदेश कार्यक्रम का आयोजन विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी की बीना शाखा द्वारा बीना नगर स्थित नगर पालिका भवन के पास विवेक संदेश कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम प्रातः10.30 बजे प्रारंभ हुआ। बीना के विधायक श्री महेश राय ने दीप प्रज्जवलित कर विवेक संदेश कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान करीब 500 लोगों ने पोस्टकार्ड पर स्वामी विवेकानंद के संदेष लिखकर अपने परिजन व मित्रों को भेजे।

विवेकानंद केन्द्र कन्याकुमारी की सागर शाखा द्वारा गौर मूर्ति तिराहा स्थित सरस्वती वाचनालय सभागार में विवेकानंद जयंती का आयोजन किया गया।  समारोह में मुख्यअतिथि के रूप में नगर निगम सागर के आयुक्त कौषलेन्द्र विक्रम सिंह रहें। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यअतिथि श्री कौषलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि आज मनुष्य के अस्तित्व पर संकट है, मानव तो हम है पर मानवता खो रही है, ऐसे में विवेकानंद का दर्शन ही हमें मानवता के मार्ग पर ला सकता है। मुख्यवक्ता गिरीश पाल ने अपने संबोधन में कहा कि में स्वामी विवेकानंद के सपनो का भारत गढने के लिए पहले स्वयं को तैयार करना होगा। हमें उन्नतगुणों से परिपूर्ण आचरण, सद् चरित्र और आत्मशक्ति को विकसित करना होगा। हम नियमित सूर्यनमस्कार का अभ्यास करें। सवेंदनशील बने तभी हम स्वामी विवेकानंद के सपनों का भारत बना संकेंगे। उन्होने कहा स्वामी जी पाश्चात्य का अनुषासन और संगठन कौशल दोनों से बेहद प्रभावित थे। इसलिए वे कहते थे कि भारत को यदि हम जगदगुरू बनाना चाहते हैं, तो एक आदर्श संगठन खडा करें। एक आदर्श कार्यकर्ता बनें और संगठन के लिए खुद को उत्सर्ग कर दें। हम केवल उपदेश नहीं बल्कि अपने आचरण से आदर्श की स्थापना करें।

समारोह में विवेकानंद केन्द्र की सागर शाखा के संगठक संतोषजी ने कन्याकुमारी में आयोजित किए गए युवा शिविर का प्रतिवेदन सबके समक्ष रखा। वहीं बहन कु. तुनश्री राव शिविर के अनुभव सुनाएं। समारोह में सफल युवा -समर्थ भारत अभियान के सहभागी युवाओं को अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ से किया गया।

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