दिनांक २८ और २९ जून को भोपाल में मध्य प्रान्त के सभी विभाग / नगर एवं कार्य स्थानों से विभाग / नगर प्रमुख और नगर संयोजकों का दो दिवसीय अभ्यास वर्ग संपन्न हुआ। मध्य प्रान्त के 5 विभाग के 16 नगरों से 42 अधिकारी और 5 प्रांतीय अधिकारी वर्ग में उपस्थित रहें। वर्ग में मा.भानुदासजी और मा.किशोर जी का विशेष मार्गदर्शन रहा। उदघाटन सत्र में मा. किशोरजी ने मा. एकनाथजी जन्म शती पर्व को लेते हुए केंद्र कार्य कि संभावनाए और विकास के विषय पर मार्गदर्शन दिया। प्रान्त पर्व प्रशिक्षण प्रमुख आ. सरोज दीदी ने अपना स्वभाव और अपनी दिनचर्या विषय पर सामूहिक चर्चा सत्र लिया। खेल और चर्चा में सभी ने आनंद के साथ मुक्त चिन्तन किया। प्रमुख की प्रमुख भूमिका विषय पर प्रान्त प्रमुख आ. राजपूत जी ने विस्तृत प्रकाश डाला। व्यवस्था : सुचारू कार्य कि नींव विषय पर मा. भानुदास जी का मार्गदर्शन रहा। भजन संध्या और खेल सत्र में सभी ने भाग लिया और रात्रि सत्र में कथा शिला स्मारक कि – PPT अभिनेषजी ने और सफल युवा युवा भारत विषय पर अतुलजी ने सत्र लिए।
द्वितीय दिवस प्रातः स्मरण और योगाभ्यास के बाद प्रथम सत्र प्रान्त संगठक सु. श्री शीतल दीदी के लिया - संगठना का रूप देखने एकत्रित नित हुआ करे। सत्र में बैठक तंत्र , संपर्क तंत्र और व्यवस्था तंत्र पर बताया। प्रान्त पर्व प्रमुख आ. रामभुवन सिंह जी ने पर्व में प्रान्त कि योजना को लेते हुए नियोजन बिन्दु दिए और सभीने विभाग सह बैठते हुए चिन्तन और नियोजन किया। 15 बिन्दु के कार्य वृत्त पर आ. राजपूत जी ने बताया कि नगर प्रमुख और संजोयक के लिए ये नित्य चिंतन के बिन्दु है और नियोजित लक्ष्य के लिए सतत चिंतन और क्रियान्वयन ही हमारी साधना है। समापन सत्र में मा. प्रान्त संचालक श्री मनोहर देव जी और मा. भानुदास जी मंचस्थ थे। प्राथमिकता से पूर्णता कि और .. विषय पर मा. भानुदास जी ने बताया कि कार्य कि प्राथमिकता से ही हम पूर्णता को पा सकते है।