सदा विवेकानन्दमयम्
कार्यकर्ताओं के कौशल्य का विकास एवं संगठनात्मक कार्य के वृद्धि हेतु विवेकानन्द केन्द्र, शाखा-नागपुर द्वारा स्थानिय कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया । शिविर स्वामी विवेकानन्द की १५० वीं जयन्ती (स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती) के उपलक्ष्य में "सदा विवेकानन्दमयम" के विषय पर आधारित था ।
कार्यकर्ताओं के सर्वांगीण विकास हेतु शिविर में विभिन्न सत्रों का आयोजन किया गया । जिसमें कार्यकर्ताओं के शारीरिक विकास हेतु योगासन, प्राणायम, खेल आदि के सत्र हुए जिसके माध्यम से कार्यकर्ताओं का शारीरिक विकास के लिए आवश्यक कौशल्य से सम्बंधित बातें बताई गई । इसी प्रकार वैचारिक स्पष्टता एवं बौद्धिक क्षमता के विकास हेतु विभिन्न विषयों पर बौद्धिक सत्र हुए, जिसमें स्वामी विवेकानन्द राष्ट्रभक्त संन्यासी, एकनाथ जी एवं शिलास्मारक, कार्यकताओं के विशेष गुण, केन्द्र प्रार्थना, हमारे उत्सव प्रमुख विषय थे । इसी प्रकार केन्द्र कार्य से सम्बंधित विषयों कार्यपद्धति एवं कार्यप्रणाली, व्यवस्था, कार्यक्रम पूर्व नियोजन, पूर्ण नियोजन पर भी अभ्यास सत्र लिया गया । शिविर में स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह के विषय में श्री धनंजय सूर्यवंशी जी ने कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन किया । शिविर में एक दिन विशेष अतिथि के रूप में डॉ. रामगोपाल जी, जो की (DRDO) के पूर्व संचालक एवं डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के साथ पोखरण में कार्य किया, ने विजन २०२० पर प्रकाश डाला एवं कार्यकर्ताओं के प्रश्नों के रोचक उत्तर दिये ।
कार्यकर्ताओं में वक्तृत्व क्षमता एवं वैचारिक स्पष्टता हेतु व्यक्तिचरित्र, कार्यकर्ता के गुण विशेष, केन्द्र प्रार्थना, दायित्व बोध आदि विषयों पर मंथन एवं उनका प्रस्तुतीकरण किया गया । शिविर में ३८ कार्यकर्ता सहभागी हुए । शिविर के अन्तिम दिन सम्पर्क कौशल के प्रत्यक्ष अनुभव के लिए शिविर स्थल के समीप कॉलोनी के घरों में कार्यकर्ताओं साहित्य विक्री के लिए भेजा गया । स्वामी विवेकानन्द के विचारो को घर-घर तक पहुंचाने वाले इस साहित्य सेवा अभियान का सभी ने आनंद लिया । सम्पर्क के प्रत्यक्ष अनुभव से कार्यकर्ताओं को उत्साह एवं शक्ति मिली एवं उन्होंने अपने अनुभव को अपने शब्दों में प्रकट किया ।
शिविर का समापन आहुति सत्र से हुआ । कार्यकर्ताओं ने स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती के अवसर पर अपने दायित्व का व्यवस्थित निर्वहन का संकल्प लिया और अनुवर्तन के रूप में अनिवासी व्यक्तित्व विकास शिविर के आयोजन का नियोजन किया, जो कि अब विस्तारश: प्रारम्भ हो चुका है । शिविर अधिकारी के रूप में आदरणीय गौरी ताई उपस्थित थी।