बीना। विवेकानंद केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय व महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विवेकानंद केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय में दिनांक 25 अक्टूबर 2016, मंगलवार को आंगनबाडी कार्यकर्ता व निरीक्षकों को प्रोजेक्ट संजीवनी के द्वितीय चरण की शुरूआत के पूर्व एक प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया। बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए उक्त प्रोजेक्ट का संचालन किया जाता है। कार्यशाला में विवेकानंद केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक व वरिष्ठ शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ . राजकुमार कयाल ने सभी को प्रशिक्षण दिया।
कार्यशाला में महिला बाल विकास विभाग की बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमती संध्या शिन्दे व पर्यवेक्ष श्रीमती निशा रतले व बीओआरएल के उप-प्रबंधक श्री नवीन सिंह गहरवार व सहायक प्रबंधक श्री सायन चटर्जी, विवेकानंद केन्द्र बीओआरएल चिकित्सालय के प्रशासनिक अधिकारी श्री गिरीश कुमार पाल, मेडिको सोशल वर्कर श्री सौरभ मराठे, डाॅ . दीपाली कयाल, डाॅ. आशीष तिवारी सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यशाला में डाॅ . कयाल ने कहा कि यदि हमें स्वस्थ व समर्थ भारत चाहिए तो हमें नई पीढी को कुपोषण से बचाना होगा। बुजुर्गों की सेवा से हमें जो पुण्य मिलता है, उससे भी कहीं अधिक पुण्य हमें नवजात शिशुओं और छोटे बच्चों को कुपोषण से बचाने से मिलता है। जब बच्चों का कुपोषण मिटेगा तभी हमारा खुशहाल होगा। उन्होने सभी को उक्त पक्ष की तकनीकी व बारिकियों से भी अवगत कराया।
कार्यशाला के प्रारंभ में सभी कार्यकर्ताओं विवेकानंद केन्द्र व चिकित्सालय का एक वीडियो दिखाया गया। जिसके बाद एक लिखित परीक्षा ली गई जिसके माध्यम से उनका कुपोषण के प्रति ज्ञान जांचा गया। तत्पश्चात् डाॅ . राजकुमार कयाल द्वारा उन्हे स्तनपान, पूरक आहार, बच्चों व प्रसूताअों में होने वाली आम बीमारियां व स्वच्छता के विषय में जानकारी दी गई । वहीं सभी कार्यकर्ताओं द्वारा कार्यक्षेत्र में आने वाली परेशानी व अनुभव बताए गए। कार्यशाला के अंत में उन्हे रोचक खेल भी खिलाए गए। बीओआरएल की ओर से सभी निरीक्षक व कार्यकर्ताओं को स्मृति चिन्ह प्रदान किए। कार्यशाला में सभी का आभार श्रीमती संध्या शिंदे ने व्यक्त किया।