Skip to main content

Swami Vivekananda Jayanti 2016 Dharधर्म का आचरण, समाज और राष्ट्र की उन्नति का पथ प्रदर्शित करता है, तथा सनातन परम्पराओं से ही राष्ट्र का पुर्ननिर्माण किया जा सकता है। उक्त उद्गार विवेकानन्द केन्द्र शाखा, धार द्वारा विवेकानन्द जयंती पर आयोजित व्याख्यान में मुख्य वक्ता स्वामी परमात्मानंद गिरि ने मिलन महल में व्यक्त किये। वे ‘नया भारत गढ़ों’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होने कहा कि धर्म संकुचित विचारों से मुक्ति प्रदान करता है, जिससे हमको समुचित रूप से जीवन जिने तथा समाज कल्याण की भावना के निर्माण में सहायता मिलती है। उन्होने यह भी कहा कि धर्म में यदि वैज्ञानिक सोच का समावेष है तो वह अधिक प्रासंगिक है तथा राष्ट्र उत्थान में ज्याता सहायक होता है। मंच पर स्वामी परमात्मानंद गिरि के साथ केन्द्र के प्राॅत संचालक श्री मनोहर देव तथा प्रांत पर्व प्रमुख रामभुवन कुषवाह भी उपस्थित थें। व्याख्यान कार्यक्रम मे ही केन्द्र के वयोवृद्ध कार्यकर्ता श्री पी. एन. बापट तथा श्रीमति मन्दाकिनी बापट का शाल-श्रीफल से सम्मान भी अतिथियों द्वारा उनकी सुदीर्घ सेवाओं के लिए किया गया। उद्बोधन कार्यक्रम के अंत में स्थानीय आनंद हिन्दू अनाथआश्रम की वार्षिक स्मारिका का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया। प्रारंभ में गीत एवं प्रार्थना श्री दीपक खलतकर व श्रीमती श्वेता जोषी ने गायी। स्वागत चन्द्रकांत आठले, भारत सिंह दसौंधि व अनिल शर्मा द्वारा किया गया। विवेक वाणी नितीन पाल ने प्रस्तुत की। शांति मंत्र प्रकाष सेन ने गाया। केन्द्र परिचय नवीन राठौर ने दिया। संचालन सरदार सिंह तँवर ने किया। अंत में आभार नगर प्रमुख जगदीष ठाकुर ने माना। कार्यक्रम स्थल पर विवेकानन्द साहित्य का स्टाॅल भी लगाया गया था।

उल्लेखनीय है कि नगर में उक्त व्याख्यान का कार्यक्रम अनवरत् लगभग 45 वर्षो से संचालित हो रहा है। इस अवसर पर महेन्द्र परमार, राहुल, यष, अविनाष, आषुतोष, हिमांषु आदि कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित थे।

Get involved

 

Be a Patron and support dedicated workers for
their YogaKshema.

Camps

Yoga Shiksha Shibir
Spiritual Retreat
Yoga Certificate Course

Join as a Doctor

Join in Nation Building
by becoming Doctor
@ Kendra Hospitals.

Opportunities for the public to cooperate with organizations in carrying out various types of work