नागपुर। स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति की ओर से नागपुर महानगर के 8 स्थलों पर "संकल्प दिवस" मनाया गया। ज्ञात हो कि 25, 26 तथा 27 दिसम्बर 1892 में स्वामी विवेकानन्दजी ने कन्याकुमारी के समुद्र के मध्य स्थित श्रीपाद शिला पर बैठकर ध्यान किया था। स्वामी विवेकानन्दजी के इस राष्ट्रध्यान की स्मृति में इस दिन को संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। स्वामी विवेकानन्दजी की 150वीं जयंती पर अधिकाधिक नगरवासी दायित्व लेकर कार्य करें, इस दृष्टि से नागरिकों से भागश: सम्पर्क किया गया ; जिनमें विविध क्षेत्रों में कार्यरत व्यवसायियों, कर्मचारी, विद्यार्थी, शिक्षक तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं का समावेश था। सम्पर्कित नगरवासियों को नागपुर के विविध स्थानों पर आयोजित संकल्प दिन के कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था।
नागपुर। स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति की ओर से नागपुर महानगर के 8 स्थलों पर "संकल्प दिवस" मनाया गया। ज्ञात हो कि 25, 26 तथा 27 दिसम्बर 1892 में स्वामी विवेकानन्दजी ने कन्याकुमारी के समुद्र के मध्य स्थित श्रीपाद शिला पर बैठकर ध्यान किया था। स्वामी विवेकानन्दजी के इस राष्ट्रध्यान की स्मृति में इस दिन को संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। स्वामी विवेकानन्दजी की 150वीं जयंती पर अधिकाधिक नगरवासी दायित्व लेकर कार्य करें, इस दृष्टि से नागरिकों से भागश: सम्पर्क किया गया ; जिनमें विविध क्षेत्रों में कार्यरत व्यवसायियों, कर्मचारी, विद्यार्थी, शिक्षक तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं का समावेश था। सम्पर्कित नगरवासियों को नागपुर के विविध स्थानों पर आयोजित संकल्प दिन के कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया था।
यह कार्यक्रम जगनाडे चौक स्थित गायत्री मंदिर, कर्णाटक संघ(राम नगर), प्रताप नगर विद्यालय(प्रताप नगर), विवेकानन्द केन्द्र(अत्रे ले-आउट), लाखवानी सभागृह(जरीपटका), शाहू गार्डन कॉन्व्हेंट(मनेवाडा रोड़), अहल्या मंदिर(धन्तोली) तथा गुरुदेव सेवा आश्रम(शुक्रवारी तालाब के पास) इन आठ स्थानों में 769 भाई तथा 125 बहनें, ऐसे कुल 894 नगरवासियों ने देश व समाज के उत्थान के लिए कार्य करने का संकल्प लिया। सभी स्थानों पर सुबह 8.30 बजे कार्यक्रम की शुरूआत ब्रम्ह्नाद, प्रार्थना तथा गीत से हुई। इसके पश्चात् स्वामी विवेकानन्दजी के राष्ट्रध्यान विषयक प्रस्तावना रखी गई। इस अवसर पर स्वामीजी के अमृत वचनों तथा राष्ट्रोत्थान हेतु कार्यकर्ताओं को आह्वान किया गया। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रकार्य के लिए उपस्थितों द्वारा वैयक्तिक संकल्प लिया गया और शांति मंत्र से कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम स्थल पर स्वामीजी के जीवन तथा विचारों पर आधारित पुस्तकों का स्टॉल लगाया गया था। आमदार देवेन्द्र फडनवीस, सुधाकर देशमुख, प्रवीन दटके, डॉ. दिलीप गुप्ता आदि गणमान्य नागरिक प्रमुखता से उपस्थित थे।